लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
डेंगू व अन्य वायरल बीमारियों के संबंध में प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम को और प्रभावी बनाए जाए। बुखार व संक्रमण के अन्य लक्षणों के संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उन्हें उचित परामर्श दिया जाए। अस्पतालों में बेड व दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनाई रखी जाए। साथ ही 17 अक्तूबर से 16 नवंबर तक प्रदेशव्यापी संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। यह निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री ने रविवार को सरकारी आवास पर कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार की प्रभावी रणनीति का परिणाम है कि राज्य में कोरोना संक्रमण नियंत्रित स्थिति में है। प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के प्रभावी नियंत्रण के पश्चात जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। कोरोना संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए थोड़ी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। उन्होंने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री को बैठक में बताया गया कि 24 घंटों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 11 नए मामले सामने आए हैं। इसी अवधि में 12 व्यक्तियों को डिस्चार्ज किया गया। प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 176 है। अलीगढ़, अमेठी, अमरोहा, औरैया, अयोध्या, आजमगढ़, बदायूं, बागपत, बलिया, बांदा, बहराइच, बिजनौर, फर्रूखाबाद, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, कानपुर देहात, कासगंज, महोबा, मीरजापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, संतकबीर नगर, शामली, श्रावस्ती, सीतापुर और सोनभद्र में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव में कोविड टीकाकरण एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। प्रदेश में 10 करोड़ 2 लाख 89 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज की जो संकल्पना की थी उसे वर्तमान सरकार साकार रूप देने का काम कर रही है। इसके दृष्टिगत सम्पूर्ण प्रदेश में गांधी जयंती पर ग्राम पंचायतों की विशेष बैठकें आयोजित की जाएं, जिसमें स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन पर चर्चा की जाए। इस अवसर पर गांवों को आत्म निर्भर बनाए जाने के संबंध में सार्थक विमर्श किया जाए। बाढ़ प्रभावित जिलों में कृषि व राजस्व विभाग संयुक्त रूप से कृषि फसलों की क्षति का आकलन करें और उन्हें नियमानुसार क्षतिपूर्ति देने की व्यवस्था करें। बाढ़ व अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों को तत्काल राशन और अन्य आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाए।