कोलंबो।
श्रीलंका में रसोई गैस की खुदरा कीमतों में सोमवार को करीब 90 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। कीमतों में यह बढ़ोतरी आवश्यक वस्तुओं के लिए मूल्य सीमा समाप्त करने की सरकार की घोषणा के बाद हुई है। यही नहीं आटा और सीमेंट की कीमतों में भी करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। सरकारी पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने कहा कि वह सरकार से इस साल के पहले आठ महीनों में 35 करोड़ डॉलर के नुकसान की भरपाई के लिए सभी ईंधनों की खुदरा कीमतों में पर्याप्त वृद्धि करने के लिए कह रही है।
मानक घरेलू रसोई गैस सिलेंडर (12.5 किलोग्राम) की कीमत पिछले शुक्रवार को 1,400 रुपये थी। अब यह 1,257 रुपये बढ़कर 2,657 रुपये हो गई है। एक किलो दूध अब 250 रुपये महंगा होकर 1,195 रुपये हो गया है। इसी तरह, अन्य आवश्यक वस्तुओं जैसे गेहूं का आटा, चीनी और यहां तक कि सीमेंट की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। हालांकि, रसोई गैस की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि ने सबसे अधिक सार्वजनिक आक्रोश पैदा किया। कीमतों को वापस लेने की मांग के साथ सोशल मीडिया पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की है। उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के प्रवक्ता ने कहा, कैबिनेट ने पाउडर वाला दूध, गेहूं का आटा, चीनी और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस के लिए मूल्य नियंत्रण हटाने का फैसला किया। इसके पीछे यह उम्मीद थी कि इससे आपूर्ति बढ़ेगी। कीमतें 37 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि डीलर बेवजह मुनाफा नहीं कमाएंगे। श्रीलंका सरकार ने गुरुवार रात राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पाउडर वाला दूध, गैस, गेहूं का आटा और सीमेंट की मूल्य सीमा को खत्म करने का फैसला किया।