हल्द्वानी। अनीता रावत
उत्तराखंड वन विभाग को भारी बारिश और भूस्खलन से 32 करोड़ का नुकसान हुआ है। यही नहीं से विभाग की नर्सरी, कर्मचारियों के घर, मार्ग, तटबंध आदि को हुआ नुकसान पहुंचा है। विभाग के अधिकारियों ने नुकसान की शुरुआती विवरण शासन को भेजकर 57.8 करोड़ रुपये की मांग की है।
बारिश से वन क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है, लेकिन वन्यजीवों को किसी भी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। वन अधिकारियों के मुताबिक एक हाथी गौला में फंस गया था, जो बाद में गौला के पश्चिमी तट पर देवरामपुर के जंगल में चला गया। बीते दिनों कुमाऊं में हुई 400 मिमी बारिश ने काफी तबाही मचायी है। कई जगह पर भूस्खलन से मौते हुई हैं, वहीं सड़क मार्ग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। बारिश से वन क्षेत्रों को भी काफी नुकसान हुआ है। कुमाऊं के पश्चिमी वृत्त, दक्षिणी कुमाऊं वृत्त, उत्तरी कुमाऊं वृत्त के करीब 14 वन प्रभागों में किसी न किसी तरह का नुकसान हुआ है। ज्यादातर वन प्रभागों में नर्सरी, मार्ग, गेस्ट हाउस, कर्मचारियों के आवास आदि को नुकसान हुआ है। वनों के भीतर बनाए गए ज्यादातर मार्ग-पुलिया क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। हल्द्वानी वन प्रभाग की शारदा रेंज स्थित गेस्ट हाउस की दीवार टूट गई। जौलासाल में करीब 18 किमी का कच्चा मार्ग टूट गया है। रामगनर वन प्रभाग में भी काफी नुकसान हुआ है। प्रत्येक रेंजर से उनकी रेंज में हुए नुकसान के आंकलन की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है। प्रारंभिक जांच में करीब 32 करोड़ की क्षति का आंकलन किया गया है। इस क्षति को पूरा करने के लिए 57.8 करोड़ की डिमांड की गई है। भूमि कटाव से जंगलों को कितना नुकसान हुआ है, इसका आंकलन होना बाकी है। वन अधिकारियों के मुताबिक नदी-गदेरों से काफी कटाव हुआ है, लेकिन इसका आंकलन अभी होना शेष है।