नई दिल्ली। देव
एक विशेष अदालत ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन मामले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ बुधवार को लोकायुक्त पुलिस से जांच कराने का आदेश दिया।
विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट के इस आदेश से एक दिन पहले हाईकोर्ट ने इस मामले में सिद्धरमैया के खिलाफ जांच कराने की राज्यपाल थावरचंद गहलोत की मंजूरी को बरकरार रखा था। इस मामले में एमयूडीए पर सिद्धरमैया की पत्नी को 14 भूखंड आवंटित करने में अनियमितताएं बरतने का आरोप है। हाईकोर्ट ने राज्यपाल के 16 अगस्त के आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली सिद्धरमैया की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके तहत राज्यपाल ने भ्रष्टाचार निवारण (पीसी) अधिनियम, 1988 की धारा, 17 ए के तहत जांच को मंजूरी दी थी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को दोहराया कि वह मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन मामले में जांच का सामना करने को तैयार हैं। सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह जांच से नहीं डरते। मैंने पहले ही कहा है कि मैं जांच का सामना करने को तैयार हूं। मैं जांच से नहीं डरता।