नई दिल्ली। टीएलआई
जब कामगारों के पास परदेश में रोजी रोटी का संकट हुआ तो गांव की याद सताने लगी। येन केन प्रकरण किसी तरह जल्द से जल्द वह गांव पहुंचना चाहते है। परिणाम लॉकडाउन टूट रहा है। शनिवार देर रात आनंद विहार टर्मिनल पर लाखों की भीड़ जमा हो गई थी। लॉकडाउन टूटने का सीधा असर कोरोना वायरस पर पड़ रहा है। हाल यह है कि शानिवार देर रात भारत मे कोरोना पीड़तों की संख्या 918 पहुंच गई है। वहीं पूर्वांचल के वाराणसी में एक और कोरोना संक्रमित मरीज मिलने से जिले में हड़कंप मच गया।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया है। इसके तहत किसी को भी घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। वहीं कई राज्यों में कर्फ्यू भी लागू कर दिया गया है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सके। दिल्ली में शनिवार को लॉकडाउन में भी लोगों का हुजूम उमड़ता नजर आया। पीठ पर बैग लिए लोग आनंद विहार टर्मिनल की ओर चल पड़े। लाखों की संख्या में लोग सुबह से ही आनंद विहार टर्मिनल पहुंच गए थे। इसमें यूपी-बिहार के साथ ही दूसरे राज्यों के मजदूर और कामगार शामिल हैं। दिल्ली में काम धंधा बंद होने और कोरोना का खतरा बढ़ने के कारण सब अपने गांव घर पहुंचना कहते हैं। लोगों की इस कोशिश से लॉक डाउन पूरी तरह फैल दिखा।
कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें लोग पैदल ही दिल्ली से बिहार के लिए चल दिए। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि रास्ते की सारी दुकानें बंद होने की वजह से इन मजदूरों के सामने खाने का संकट भी उत्पन्न हो गया है। साथ ही वायरस के संक्रमण बढ़ने का खतरा भी बरकरार हो गया है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही दिल्ली यूपी बिहार के मुख्यमंत्रियों ने भी लोगों से जहां है वहीं रहने की अपील की है। लेकिन यह अपील शनिवार को टूटती नजर आई। वहीं शनिवार रात को देश में कोरोना पीड़तों की संख्या 918 पहुंच गई।