शामली में छात्रा की रेप के बाद हत्या में चार दोषियों को उम्रकैद

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मेरठ। शामली जिले में दसवीं की छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म करने और फिर हत्या करने के चार दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही उन पर 56 हजार रुपये का अर्थदंड़ लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर पांच-पांच माह के अतिरिक्त कारावास की सजा के आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही अर्थदंड़ की धनराशि में से 50 प्रतिशत धनराशि मृतका के परिजनों को दिए जाने के भी आदेश हुए है। शामली जिले के झिंझाना थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाला छात्रा अमीनगर सराय क्षेत्र के एक गांव में अपने मामा के यहां रहती थी। वह अमीनगर सराय के एक कॉलेज में कक्षा 10 में पढ़ रही थी। एडीजीसी नरेंद्र पंवार ने बताया कि 31 दिसंबर 2015 को छात्रा का अज्ञात युवकों द्वारा अपहरण कर लिया गया था। परिजनों ने तभी सिंघावली अहीर थाने पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। 10 जनवरी 2016 को छात्रा का शव पुट्ठड गांव के किसान जैकी के गन्ने के खेतों में पड़ा मिला था। कुछ दिनों बाद ही पुलिस ने हत्याकांड़ का खुलासा करते हुए सैडभर गांव के रहने वाले बिजेंद्र उर्फ मन्नू, मोनू, बिट्टू उर्फ विनय और सौरभ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा के साथ रेप की पुष्टि भी हुई थी। जिसके बाद मुकदमे में रेप की धारा भी बढ़ा दी गई थी।
मुकदमे के विवेचक ने कुछ दिनों बाद ही आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर न्यायालय में दाखिल कर दी थी। तभी से उक्त मुकदमे की सुनवाई न्यायालय में चल रही थी। बुधवार को न्यायाधीश ने चोरों दोषसिद्ध आरोपियों बिजेंद्र, मोनू, बिट्टू और सौरभ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही उन पर अलग-अलग धाराओं के अंर्तगत 56 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर पांच-पांच माह के अतिरिक्त कारावास के आदेश जारी किए। साथ ही अर्थदंड की 50 प्रतिशत धनराशि मृतका के परिजनों को दिए जाने के भी आदेश दिए। अमीनगर सराय के एक कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा का अपहरण होने के बाद ठाकुर समाज के लोगों आक्रोश पनप गया था। उन्होंने छात्रा के बरामद न होने पर कॉलेज पहुंचकर हंगामा-प्रदर्शन किया था। बाजार में भी तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने जैसे-तैसे कर हंगामा कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया था। छात्रा की हत्या के बाद अमीनगर सराय क्षेत्र के एक गांव में ठाकुर समाज की बड़ी पंचायत हुई थी। जिसमें संगीत सोम समेत ठाकुर समाज के कई बड़े नेता और समाजसेवी भी शामिल हुए थे। उन्होंने छात्रा की हत्या का खुलासा न होने पर आंदोलन का बिगुल बजा देने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद पुलिस हरकत में आ गई थी और उसने कुछ दिनों बाद ही हत्याकांड़ का खुलासा कर दिया था। बताया जाता है कि गांव की पुरानी रंजिश में छात्रा के पिता की हत्या कर दी गई थी। पिता की हत्या के बाद पूरा परिवार डर-सहम गया था। तभी परिवार के लोगों ने मृतका छात्रा को पढ़ने के लिए उसके ननिहाल भेज दिया था। वह मेहनत के साथ पढ़ाई कर रही थी कि इसी बीच उसका अपहरण कर लिया और फिर उसे मौत की नींद सुला दी गई।

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