प्रयागराज। अखाड़ों के शाही स्नान के बाद कुम्भ में नेताओं के दौरे तेज हो गए हैं। भाजपा के कद्दावर नेताओं के आने का सिलसिला लगातार बना हुआ है। संगम स्नान करने के साथ ही नेता संतों का आशीष लेने पहुंच रहे हैं। धार्मिक, आध्यात्मिक अनुष्ठान के साथ ही राजनीतिक चर्चाएं भी हो रही हैं। मंगलवार को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने त्रिवेणी स्नान किया।
जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के सेक्टर 14 स्थित प्रभु प्रेमी संघ शिविर में रुकीं वसुंधरा राजे सिंधिया ने सुबह संतों को प्रसाद वितरित किया। स्वामी अवधेशानंद गिरि ने दक्षिणा भेंट की। अवधेशानंद गिरि के शिविर में वसुंधरा और शिवराज ने काफी समय बिताया। आपसी गुफ्तगू के साथ ही अवधेशानंद गिरि से भी कई मुद्दों पर बात की।
इसके बाद वसुंधरा राजे ने त्रिवेणी स्नान किया और शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से मिलने मनकामेश्वर मंदिर गईं। वहां आध्यात्मिक और राजनैतिक चर्चा भी हुईं। उन्होंने स्वरूपानंद सरस्वती से कहा कि वे वृंदावन में चार्तुमास के दौरान मिलकर आशीर्वाद लेना चाहती थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव की व्यस्तता के कारण संभव नहीं हो सका। कहा कि चुनाव में थोड़ी और मेहनत करने की जरूरत थी। सिर्फ 15-16 सीटों के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा। वसुंधरा राजे बुधवार को स्वामी अवधेशानंद के शिविर में रहेंगी। चर्चा है कि वह दोपहर को अमित शाह, योगी आदित्यनाथ व संतों के साथ भोजन प्रसाद भी ग्रहण करेंगी।
शिवराज सिंह चौहान मंगलवार शाम को ही मध्य प्रदेश रवाना हो गए। मंगलवार शाम बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन भी कुम्भ क्षेत्र पहुंच गये। वे बुधवार को पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती से भी मिलने जाएंगे। वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने भी मंगलवार को त्रिवेणी में डुबकी लगाई। स्वामी अधोक्षानंद के शिविर में 2019 के चुनाव में कांग्रेस की जीत का दावा किया।