लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
उत्तरप्रदेश के मऊ जिले में अंधविश्वास का एक ऐसा सनसनीखेज वाक्या सामने आया है, जिसपर आज के समाज में विश्वास करना संभव नहीं है। बीमारी से हुई एक बच्ची की मौत के बाद उसके शव को तीन दिन तक घर में रखा गया। हद तो तब हो गई जब उसके जिंदा होने के लिए लोगों ने प्रार्थना शुरू कर दी। बाद में पुलिसकर्मियों के समझाने पर परिजन माने और शव को दफनाया।
गुरुवार को अरविंद वनवासी निवासी कारुवीर की बेटी महिमा (4) की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि पेट में दर्द की शिकायत पर परिजन उसे स्वास्थ्य केन्द्र ले गए, जहां से डाक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। बाद में बच्ची को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। परिजन उसके शव को लेकर घर पहुंचे तो कुछ लोगों ने बच्ची को जिंदा करने का भरोसा देकर शव को एक मड़ई में रखवाकर प्रार्थना शुरू करा दिया। उन लोगों पर भरोसा कर परिजन भी शव रखकर प्रार्थना करने लगे। सूचना मिलने पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने परिजनों को काफी समझाया तब वह माने और शव को दफनाया। यह घटना पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।