नई दिल्ली। नीलू सिंह
बंबई उच्च न्यायालय ने ‘मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी’ के प्रदर्शन पर रोक लगाने से गुरुवार को इनकार कर दिया। फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को गलत रूप से चित्रित किए जाने का दावा करते हुए वकील विवेक तांबले ने इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने उन्हें कोई राहत देने से इनकार कर दिया।
तांबले का दावा है कि वह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के परिवार में पांचवीं पीढ़ी के सदस्य हैं। तांबले ने इसी हफ्ते उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उनका दावा है कि कंगना रनौत अभिनीत इस फिल्म में कई ऐतिहासिक तथ्य गलत हैं।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के वकील अद्वैत सेठना ने मुख्य न्यायाधीश एन. एच. पाटिल और न्यायमूर्ति एन. एम. जामदार की पीठ के समक्ष कहा कि बोर्ड की परीक्षण समिति ने फिल्म को प्रमाण पत्र देने से पहले उचित विचार किया था। पीठ ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाकर कोई अंतरिम राहत देने के पक्ष में नहीं है। अदालत ने निर्माता को याचिका के जवाब में दो सप्ताह के अंदर अपना हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। यह फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो रही है।