टोक्यो। चांद को जापान ने भी छू लिया। चंद्रमा की सतह पर पहली बार जापान का चंद्रयान उतरा। ये मुकाम हासिल करने वाला जापान दुनिया का पांचवां देश बन गया है।
जापान के चंद्रयान स्लिम लैंडर ने शुक्रवार को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की। हालांकि लैंडर का पृथ्वी से संपर्क नहीं हो पाया। जापानी अंतरिक्ष एजेंसी जैक्सा के प्रमुख कुनियाका ने कहा, लैंडर सफलतापूर्वक उतरा, लेकिन ये सौर ऊर्जा उत्पन्न नहीं कर पा रहा है। ऊर्जा संबंधी दिक्कतों के कारण अंतरिक्ष कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। वैज्ञानिक लैंडर के संचार स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसके सौर पैनल काम नहीं कर रहे। ये अपनी बैटरी पर ही काम कर रहा है। जैक्सा ने कहा, कि जापान के स्थानीय समयानुसार, 12:20 बजे चंद्रमा की सतह पर उतारा। चंद्रमा की जांच के लिए पहुंचा ये स्मार्ट लैंडर स्लिम (स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून मिशन) एक हल्का अंतरिक्ष यान है। जापानी एजेंसी ने कहा कि स्लिम ने सटीक लैंडिंग की। यह चांद की सबसे अंधेरे वाली जगह पर उतरा। स्लिम के साथ एक्सरे इमेजिंग मशीन एंड स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन भी गया है। जो चांद की चक्कर लगाते हुए प्लाज्मा हवाओं की जांच करेगा, जिससे ब्रहमांड और आकाशगंगा की उत्पत्ति का पता लगाया जा सके। जैक्सा ने बीते सात सितंबर को इसे रवाना किया था। चार महीने की यात्रा के बाद मून स्नाइपर ने स्लिम मिशन के तहत चांद पर लैंडिंग की। ये यान 25 दिसंबर को चांद की ऑर्बिट में पहुंचा था। तब से ये चांद की सतह की तरफ बढ़ रहा था। इस लैंडर का वजन 200 किलोग्राम है। लंबाई 2.4 मीटर और चौड़ाई 2.7 मीटर है। इसमें रडार, लेजर रेंज फाइंडर और विजन बेस्ड नेविगेशन सिस्टम लगा हैं। इसमें लगे कैमरे चंद्रमा पर मौजूद चट्टानों की बिल्कुल साफ तस्वीरें लेंगे। इसके साथ ही इसमें लूनर एक्सप्लोरेशन व्हीकल और लूनर रोबोट भी हैं। चंद्रमा पर ये ऑक्सीजन, ईंधन और पानी की खोज के अलावा अन्य जानकारी भी जुटाएगा। जापान से पहले भारत, रूस, अमेरिका, चीन ने चांद पर सॉफ्ट लैडिंग करने में सफलता हासिल की। इस लिस्ट में अब जापान का नाम भी जुड़ गया है, जापान के बाद इस साल कई और देश चंद्र मिशन भेजने वाले हैं।