टोक्यो।
जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं ने शुक्रवार को फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि वे तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के बावजूद क्षेत्रीय सुरक्षा खतरों को देखते हुए संबंधों को और मजबूत करने को लेकर उत्सुक हैं।
दोनों देश अमेरिका के सैन्य सहयोगी हैं और उत्तर कोरिया तथा चीन को लेकर उनकी चिंताएं साझा हैं, लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के अत्याचारों की विरासत को लेकर उनके बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। जापान के नए प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ-इन के साथ बात की। इससे पहले उन्होंने विश्व के कई अन्य नेताओं के साथ बात की। जापान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि किशिदा ने फोन पर 35 मिनट बात की। बयान में कहा गया है कि क्षेत्र में गंभीर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए अमेरिका के साथ ही दोनों देशों के बीच सहयोग मजबूत करना आवश्यक है। दोनों नेताओं ने सुरक्षा सहयोग पर अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है।
उधर, मून के कार्यालय ने कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल घटनाक्रम क्षेत्र के लिए खतरा बने हुए हैं। वह वाशिंगटन तथा प्योंगयांग के बीच परमाणु वार्ता जल्द बहाल होने की उम्मीद करते हैं। जापान और दक्षिण कोरिया के बीच संबंध तब खराब हो गए थे, जब दक्षिण कोरिया की एक अदालत ने जापानी कंपनियों को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने अत्याचारों को लेकर कोरियाई मजबूरों को क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया था। इस आदेश से व्यापार संबंधों को नुकसान पहुंचा था।