रियो डी जेनेरियो। भारत और इटली ने अपनी द्विपक्षीय रणनीतिक साझीदारी को गति देने के लिए पांच वर्षीय कार्ययोजना को मंजूरी दी है। जिसमें आर्थिक सहयोग और निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा, कनेक्टिविटी, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा एवं सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने की रूपरेखा शामिल है। कार्य योजना 2025-29 में द्विपक्षीय जुड़ाव को आगे बढ़ाने के लिए 10 विशिष्ट स्तंभों की पहचान की गई है। इसमें व्यापार, माइग्रेशन, लोगों के बीच आदान-प्रदान इत्यादि भी शामिल है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार सोमवार देर रात जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी के बीच वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने लोकतंत्र, कानून के शासन और सतत विकास के साझा मूल्यों को बनाए रखने के लिए वैश्विक मंचों पर मिलकर काम करने का संकल्प लिया। मोदी ने एक्स पर कहा कि हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत-इटली की दोस्ती एक बेहतर दुनिया के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है। पिछले दो वर्षों में दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच यह पांचवीं मुलाकात थी। मोदी और मेलोनी की पिछली मुलाकात जून में इटली के पुगलिया में जी7 शिखर सम्मेलन के अवसर पर हुई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश संयुक्त कार्य योजना के तहत व्यापार, निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नई और उभरती प्रौद्योगिकियों, स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, कनेक्टिविटी और लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्रों में सहयोग की पहल करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और इटली कई क्षेत्रों में नियमित रूप से मंत्रिस्तरीय और आधिकारिक वार्ता करेंगे। सह-उत्पादन, संबंधित उद्योगों और संस्थानों के बीच सहयोग तथा नवाचार द्विपक्षीय साझेदारी को गति प्रदान करेगी। इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और लोगों को फायदा होगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी और मेलोनी ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे सहित बहुपक्षीय रणनीतिक पहलों के कार्यान्वयन के लिए मिलकर काम करना जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की।