येरुशलम।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने इजरायल से फलस्तीनी राज्य स्थापित करने के मुद्दे की अनदेखी नहीं करने का आग्रह किया है।
मर्केल ने सोमवार को इजरायली थिंक टैंक के संबोधन में पिछले साल इजरायल और अरब देशों के बीच ऐतिहासिक राजनयिक समझौतों का स्वागत किया। उन्होंने यह भी कहा कि इन समझौतों ( जिसे अब्राहम समझौते के रूप में जाना जाता है) से फलस्तीनियों के साथ शांति समझौते तक पहुंचने के लिए इजरायल के प्रयासों को बंद नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें फलस्तीनियों को जीने का मौका देने के अधिकार से नहीं चूकना चाहिए। मर्केल ने तेल अवीव में राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन संस्थान में एक समिति से कहा, इसलिए किसी भी परिस्थिति में दो-देशों के समाधान के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इजरायल के नए प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने फलस्तीनियों के साथ शांति वार्ता से इनकार किया है। बेनेट इजरायल के कब्जे वाली भूमि पर एक फलस्तीनी राज्य का विरोध करते हैं, लेकिन वह फलस्तीनियों के लिए रहने की स्थिति में सुधार के लिए अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हैं। मर्केल ने बेनेट के इरादों का स्वागत किया, लेकिन कहा कि ऐसा दृष्टिकोण पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इतने लंबे समय से चल रहा मुद्दा (फलस्तीनियों के साथ संघर्ष) एजेंडा से गायब नहीं होगा, भले ही पड़ोसी अरब देशों के साथ बेहतर संबंध हों। इजरायल की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान मर्केल के एजेंडे में इजराइली नेताओं के साथ कई बैठकें करना शामिल रहा। मर्केल को अगस्त में ही यात्रा करनी थी, लेकिन तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद पैदा हुए संकट के बाद उन्होंने अपनी यात्रा स्थगित कर दी थी।