दीर अल-बला। ईरान के हमले का जवाब देते हुए शनिवार को इजरायल ने ईरान पर मिसाइल से हमला किया। दावा है कि ईरान को काफी नुकसान हुआ है। हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता ने इजरायल को चेतावनी देते हुए कहा कि युवाओं की ताकत समझानी होगी। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने रविवार को कहा कि ईरान पर हुए इजरायल के हमले को न तो बढ़ा-चढ़ाकर और न ही कम करके बताया जाना चाहिए। इसके साथ ही कहा कि इजरायल को ईरानी युवाओं की ताकत के बारे में समझाना जरूरी है। बहरहाल, खामेनेई ने इस हमले के बाद जवाबी कार्रवाई का आह्वान करने से परहेज किया। उनकी ये टिप्पणियां संकेत देती हैं कि ईरान इस हमले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया पर सावधानीपूर्वक विचार कर रहा है। ईरान की सेना पहले ही कह चुकी है कि गाजा पट्टी या लेबनान में संघर्ष विराम इजरायल पर किसी भी जवाबी हमले से बेहतर है, लेकिन ईरानी अधिकारियों ने यह भी कहा है कि उनके पास जवाब देने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इजरायली शासन की गलतफहमियों को दूर किया जाना चाहिए। उन्हें ईरानी राष्ट्र और उसके युवाओं की ताकत एवं इच्छाशक्ति के बारे में समझाना जरूरी है। खामेनेई ने कहा कि यह तय करना अधिकारियों का काम है कि ईरानी लोगों की इच्छाशक्ति और ताकत के बारे में इजरायली शासन को कैसे समझाया जाए और इस राष्ट्र के हितों की पूर्ति करने वाली कार्रवाई कैसे की जाए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायली हमले में ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल बनाने वाली फैक्टरी को काफी नुकसान पहुंचा है। बताया जा रहा है कि इसे फिर से ऑपरेशनल बनाने में ईरान को दो साल का वक्त लग सकता है। यह ईरानी सेना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं इजरायली सेना ने बयान जारी कर कहा है कि अगर उनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई की गई तो वे फिर से हमला करेंगे।