दमिश्क।
अमेरिकी प्रतिबंधों का ईरान और सीरिया ने डटकर सामना करेंगे। इसके लिए शक्तिशाली कदम उठाने का रविवार को दोनों देशों ने संकल्प लिया। यह जानकारी दमिश्क पहुंचे ईरान के नए विदेश मंत्री ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के नए नेतृत्व तले दोनों क्षेत्रीय सहयोगियों के बीच संबंध और मजबूत होंगे।
दमिश्क पहुंचे ईरान के नए विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने यह कहा। हवाईअड्डे पर उनकी अगवानी उनके सीरियाई समकक्ष फैसल मेकदाद ने की। ईरान, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद का सबसे बड़ा समर्थक रहा है और उसने वहां दस साल चले संघर्ष में असद की मदद के लिए हजारों लड़ाके भेजे। रूस और ईरान की मदद से सीरिया के सरकारी बलों का देश के ज्यादातर हिस्सों पर नियंत्रण हो चुका है, लेकिन देश पर अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंध बरसों से लगे हुए हैं। अमेरिका के वित्त विभाग ने सीरिया, ईरान और रूस में फैले उस नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाए हैं जो सीरिया सरकार को तेल भेजने से संबंधित है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के दौरान 2018 में ईरान और विश्व शक्तियों के बीच परमाणु समझौते से अमेरिका अलग हो गया था, जिसके बाद उसने तेहरान पर पाबंदियां लगाई थीं। प्रतिबंधों के कारण सीरिया में ईंधन की भारी कमी हो गई और उसे ईरान से तेल आपूर्ति पर निर्भर होना पड़ा। अमीर अब्दुल्लाहियान ने हवाईअड्डे पर कहा, दोनों देशों के नेतृत्व आर्थिक आतंकवाद से निबटने तथा हमारे लोगों पर दबाव कम करने के लिए बड़े कदम उठाएंगे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि दोनों देश प्रतिबंधों के खिलाफ क्या कदम उठाएंगे।