देहरादून। अनीता रावत
हरिद्वार महाकुंभ में बनाई गई कुंभ की डॉक्यूमेंट्री को यूरोप फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री का खिताब मिला है। 26 मिनट की इस शॉर्ट फिल्म में भारतीय संस्कृति और आस्था के साथ ही गंगा की महत्ता को जोड़ते हुए एक मोती में पिरोया हुआ है।
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज के साथ महाकुंभ पर फिल्म निर्देशक हिमांशु जोशी ने डॉक्यूमेंट्री को बनाया है। अखाड़ों के शाही स्नान से लेकर हरकी पैड़ी और कुंभ की भव्यता को इसमें दिखाया गया है। कुंभ पर बनी इस फिल्म में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के साथ ही गंगा की पवित्रता और उपयोगिता को खूबसूरती से उबारा गया है। धर्म, संस्कृति, अध्यात्म और आस्था के संगम महाकुंभ के इतिहास से जुड़ी रोचक बातें भी इसमें बताई गई हैं। अखाड़ों के बदलते स्वरूप और नई सोच के साथ वर्ष 2015 से चर्चाओं में आए किन्नर अखाड़े का बेहतर दृश्य दिखाया गया है। मां गंगा की पवित्रता के साथ ही भारतीय संस्कृति को विश्व पटल पर रखा गया है। अगस्त में फिल्म निर्देशक हिमांशु जोशी ने यूरोप फिल्म फेस्टिवल यूके में अपनी इस शॉर्ट फिल्म को भेजा था। लंदन में हुए इस फेस्टिवल में इस शॉर्ट फिल्म को जूरी डायमंड अवार्ड मिला है। हिमांशु जोशी दिल्ली के मयूर विहार में रहते है्ं। उनकी जड़ें कुमाऊं के अल्मोड़ा क्षेत्र से जुड़ी हैं। उन्होंने मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर जामिया मिलिया इस्लामिया से एमए मास कम्युनिकेशन की डिग्री ली है। 30 सालों से अधिक का उन्हें अनुभव है। हिमांशु एक कवि, लेखक, गायक, संगीतकार और फिल्म निर्माता हैं। फिल्म को अवार्ड मिलने के बाद हिमांशु जोशी ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि वह बेहद खुश है कि उनको भारतीय संस्कृति के साथ ही कुंभ से जुड़े अध्यात्म को विश्व पटल पर पहुंचाने का मौका मिला। इसके लिए उन्होंने अपने सहयोगियों का भी धन्यवाद दिया।