संयुक्त राष्ट्र।
गाजा पट्टी में बढ़ते हालिया तनाव पर चिंता जताते हुए भारत ने सोमवार को संघर्ष से जुड़े सभी पक्षों से ऐसे कृत्यों से दूर रहने का आह्वान किया जो क्षेत्र में तनाव को बढ़ा सकते हैं और सुरक्षा हालात को खराब कर सकते हैं।
फलस्तीन सहित पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इजरायल और फलस्तीन के बीच जल्द उच्च स्तरीय वार्ता शुरू होने की भी आशा व्यक्त की। जोकि सभी अंतिम मुद्दों को हल करने के लिए सर्वोत्तम अवसर प्रदान करे और मुद्दे का दो-राष्ट्र समाधान प्राप्त कर सकें। अगस्त माह के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने वाले श्रृंगला ने कहा, हम गाजा पट्टी में तनाव में हालिया वृद्धि से चिंतित हैं, जो एक बार फिर युद्धविराम की भंगुरता और तनाव को बढ़ाने वाले कारणों को दूर करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।
विदेश सचिव ने कहा, भारत संघर्ष के सभी पक्षों से युद्धविराम का सम्मान करने और ऐसे कृत्यों से दूर रहने का आह्वान करता है जो तनाव को बढ़ा सकते हैं और सुरक्षा स्थिति को खराब कर सकते हैं। हम एक और सैन्य संघर्ष को बढ़ने से रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय देशों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं। श्रृंगला ने जोर देकर कहा कि इजराइल और फलस्तीन के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता प्रत्यक्ष शांति वार्ता को बहाल करने के लिए बेहतर वातावरण प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा, हम दोनों पक्षों के बीच इन वार्ताओं के जल्द शुरू होने की उम्मीद करते हैं क्योंकि वे सभी अंतिम स्थिति के मुद्दों को हल करने और दो-राज्य समाधान प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर प्रदान करते हैं। इन वार्ता को बहाल करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से पश्चिम एशिया क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। श्रृंगला ने कहा, वेस्ट बैंक में फलस्तीनियों और इजराइली सुरक्षा बलों के बीच हिंसा और संघर्ष की घटनाएं जारी हैं। दोनों पक्षों को शांति और स्थिरता के लिए उकसावे वाली कार्रवाई से बचना चाहिए।