पैरा बैडमिंटन में भारत का डंका, भगत को पांचवां विश्व खिताब

स्पोर्ट्स

पटाया (थाईलैंड)। पैरा बैडमिंटन में भारत ने रविवार को डंका बजा दिया। पैरा शटलर प्रमोद भगत ने पांचवां विश्व खिताब हासिल किया तो वहीं सुहास और कृष्णा भी विश्व चैंपियन बन गए हैं।
पैरालंपिक रजत पदक विजेता भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यथिराज ने रविवार को एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली। उनके अलावा स्टार पैरा शटलर प्रमोद भगत ने लिन डैन की बराबरी करते हुए खिताब हैट्रिक के साथ अपना पांचवां विश्व खिताब हासिल किया। सुहास ने ताकतवर स्मैश और बेहतरीन प्लेसिंग के दम पर अपना पहला विश्व खिताब जीत लिया। दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी सुहास ने पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में एसएल 4 वर्ग (शरीर के निचले अंगों में मामूली समस्या) के फाइनल में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 21-18, 21-18 से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन का ताज कब्जाया। चीन में पैरा एशियाई खेलों में एक स्वर्ण और दो कांस्य पदक जीतने वाले भगत ने एसएल 3 (शरीर के निचले अंगों में अधिक समस्या) फाइनल में इंग्लैंड के डेनियल बेथेल को 14-21, 21-15, 21-14 से हराया। पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता 35 वर्षीय भगत ने इस प्रकार 2015 में स्टोक मैंडविले और 2019 में बासेल के बाद खिताब की हैट्रिक पूरी की। पांच साल की उम्र में पोलियो से ग्रसित हुए बिहार के भगत ने 2022 में टोक्यो और 2009 में सियोल में भी स्वर्ण पदक जीते थे। इस तरह भगत के नाम अब पांच विश्व खिताब हो गए हैं। उनके साथ ही प्रमोद भगत (एसएल 3) और कृष्णा नागर (एसएच 6) ने भी स्वर्ण पदक जीते। भारतीय खिलाड़ियों ने कुल मिलाकर 18 पदक हासिल किए। इनमें तीन स्वर्ण के अलावा चार रजत और 11 कांस्य पदक शामिल हैं। कर्नाटक के सुहास यथिराज उत्तर प्रदेश कैडर के 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के सचिव और महानिदेशक हैं। 35 साल के भगत ने सुकांत कदम के साथ पुरुष युगल में कांस्य और मनीषा रामदास के साथ मिश्रित युगल में भी कांस्य पदक जीता। इन तीन पदक से उनके नाम विश्व चैंपियनशिप में कुल 14 पदक हो गए हैं जिसमें विभिन्न वर्ग में छह स्वर्ण, तीन रजत और पांच कांस्य पदक शामिल हैं। एसएच 6 (कम लंबाई) श्रेणी में पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा नागर भी पुरुष एकल फाइनल में चीन के लिन नेली पर 22-20, 22-20 से जीत हासिल कर चैंपियन बने। महिला एकल एसयू 5 (शरीर के ऊपरी अंगों में समस्या) में मनीषा रामदास ने फाइनल में चीन की यांग क्यू शिया के खिलाफ 16-21, 16-21 की शिकस्त से रजत पदक जीता। चिराग बरेठा और राज कुमार की पुरुष युगल जोड़ी तथा रचना शैलेशकुमार और निथ्या श्री सुमति सिवान की महिला युगल जोड़ी को क्रमश: एसयू 5 और एसएच 6 श्रेणियों में फाइनल में हारने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। महिला युगल (एसल 3-एसयू 5) वर्ग में मानसी जोशी और तुलसीमति मुरुगेसन को भी फाइनल में लियानी रात्री ओकतिला और खालिमातुस सादिया की इंडोनेशिया की जोड़ी के खिलाफ फाइनल में 20-22, 17-21 की हार से रजत पदक मिला।

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