नई दिल्ली। टीएलआई
चीन से मंगाई गई रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए केंद्र सरकार ने कंपनी के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। कोरोना वायरस की जांच के लिए चीन की दो कंपनियों से रैपिड टेस्ट किट मंगाई गई थी। सही परिणाम नहीं आने के कारण दोनों का आर्डर रद्द कर दिया है।
कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए चीन की दो कंपनियों को रैपिड टेस्ट किट का ऑर्डर दिया गया था। लेकिन वहाँ से भेजी गई किट का सार्थक परिणाम नहीं आया। कंपनी के दावे के विपरित किट का सही परिणाम का प्रतिशत काफी कम रहा। रेपिड टेस्ट में निगेटिव मिले लोगों के पॉजिटिव होने से रैपिड टेस्ट पर सवाल उठने लगे थे। कई राज्यों में इस किट से जांच करने पर रोक लगा दी गई। इसके बाद केंद्र सरकार ने भी किट से आये परिणामों की जांच कराई। इस जांच में रेपिड टेस्ट दावे के अनुकूल नहीं निकला। इसको लेकर विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया। सोमवार को केद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सटीक परिणाम नहीं मिलने की वजह से रैपिड टेस्ट किट सप्लाई करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि आईसीएमआर ने चीन की दो कंपनियो से रैपिड किट की खरीद का करार किया गया था। पिछले दिनों इन किट की आपूर्ति के बाद फील्ड परीक्षण के दौरान इनसे सही परिणाम नहीं मिलने पर आईसीएमआर ने आपूर्तिकर्ता कंपनियों के विरुद्ध करार की शर्तों के अनुसार कार्रवाई की है। आपूर्ति से पहले कंपनियों को कोई भुगतान नहीं किया गया था, इसलिए इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है।