सोनभद्र। जलाल हैदर खान
बियार जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। सांसद पकौड़ी लाल कोल ने पीएम नरेंद्र मोदी और अध्यक्ष, राष्ट्रीय जनजाति आयोग को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि बियार जाति की आर्थिक, सामाजिक स्थिति को देखते हुए उसे अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किया जाए। अखिल भारतीय बियार समाज के राष्ट्रीय महासचिव एवं अपना दल एस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य दिनेश बियार ने इसके लिए सांसद से आग्रह किया था। पत्र में सांसद ने बताया है कि बियार जाति आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर है। उसका रहन-सहन, वेश-भूषा और संस्कृति आदिवासी समाज के समतुल्य है। मध्य प्रदेश समेत कई प्रांतों में बियार जाति अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में पहले से है लेकिन उत्तर प्रदेश में उसे पिछड़ा वर्ग का दर्जा दे दिया गया है। बियार समाज की आर्थिक, सामाजिक स्थिति को देखते हुए इसे कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता। बियार जाति की मौजूदा स्थिति, उसके आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक और सामाजिक हालात को देखते हुए बहुत जरूरी है कि उसे जनजाति का दर्जा देकर उसके विकास की राह प्रशस्त की जाए। सांसद के मुताबिक 1988 से पहले उत्तर प्रदेश डिस्ट्रिक्ट मीरजापुर के गैजेटियर में बियार जाति को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में ही रखा गया था लेकिन उसके बाद इसे पिछड़ा वर्ग में डाल दिया गया, जो कतई न्याय संगत नहीं है। सोनभद्र, मीरजापुर, चंदौली, वाराणसी एवं बलिया समेत पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में बियार समुदाय की चार लाख के करीब आबादी है। बता दें कि अखिल भारतीय बियार समाज लंबे समय से इसके लिए आवाज उठा रहा है। समाज के राष्ट्रीय महासचिव दिनेश बियार की अगुवाई में केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को इस बारे में पत्रक दिए गए हैं। बियार समाज के अनुरोध पर अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इस बारे में केंद्र सरकार से आग्रह किया था।