लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतक आश्रित कोटे पर दूसरे विभागों में अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की प्रक्रिया तय कर दी है। अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश में कहा गया है कि कोविड व 01 अप्रैल 2020 से अब तक नॉन कोविड से मृत कार्मिकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने और सभी देयकों के भुगतान को लेकर बैठकों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों की कमी के बारे में जानकारियां मिली थीं। इसलिए मृतक आश्रित कोटे पर अनुकंपा के आधार पर उसी विभाग में पद न होने पर दूसरे विभागों में नौकरी देने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली 1974 में संशोधन किया गया है।
नई व्यवस्था के मुताबिक ऐसे विभाग जहां मृतक आश्रित को नौकरी देने के लिए समूह ग के पर्याप्त पद नहीं है और 10 फीसदी से अधिक अधिसंख्य पद सृजत करने की जरूरत पड़ रही है वे औचित्य के साथ कार्मिक विभाग को प्रस्ताव उपलब्ध कराएंगे। इसमें बताना होगा कि कितने मृतक आश्रितों को अन्य विभाग में समायोजित करने की जरूरत है और उसकी न्यूनतम अर्हता क्या है। कार्मिक विभाग सभी प्रशासकीय विभागों से समन्य स्थापित कर उनसे समूह ग के रिक्त पद और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के भेजे गए भर्ती प्रस्ताव से पदों की सूचना एकत्रित करेगा। कार्मिक विभाग परीक्षण के बाद ऐसे विभाग चिह्नित करेगा जहां मृतक आश्रित को समूह ग के पद समायोजन संभव हो सकता है।
कार्मिक विभाग के परीक्षण के बाद इसे मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनने वाली उच्चाधिकार समिति के समक्ष रखा जाएगा। इसमें अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव कार्मिक सदस्य सचिव होंगे। संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव, वित्त विभाग व प्रमुख सचिव न्याय सदस्य होंगे। समिति किस आश्रित की किस विभाग में किस पद पर नियुक्ति देने के लिए संस्तुति करेगा और इस पर मुख्यमंत्री से अनुमोदन लिया जाएगा। इसके बाद नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा। लोकसेवा आयोग की परिधि से बाहर के पदों पर नियुक्ति दी जाएगी। अनुकंपा के आधार पर भरे गए पदों को कम करते हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भर्ती के लिए संशोधित प्रस्ताव भेजा जाएगा।