नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
यूपी के चार और उत्तराखंड के एक कॉलेज समेत देश के आठ कॉलेजों में इस सत्र से हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई होगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के इस फैसले से हिंदी भाषी क्षेत्र के छात्रों को काफी राहत मिलेगी।
एआईसीटीई के चैयरमैन डॉ. अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने बताया कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में सरकार ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया था। पिछले साल शिक्षा मंत्री ने इसकी घोषणा की थी। नए शैक्षणिक सत्र के लिए 14 कॉलेजों को हिन्दी एवं अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में बीटेक कोर्स चलाने की अनुमति दी गई है। बताया जा रहा है कि एआईसीटीई ने 14 इंजीनियरिंग कॉलेजों को हिन्दी समेत पांच क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने की अनुमति दे दी है। इनमें से यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के आठ कॉलेजों को हिन्दी में इसी साल से इंजीनियरिंग की पढ़ाने शुरू करने की अनुमति मिली है। नई शिक्षा नीति के तहत कुल 11 क्षेत्रीय भाषाओं में कॉलेज इंजीनियरिंग की पढ़ाई करा सकेंगे। एआईसीटीई के अनुसार यूपी के चार कॉलेजों को हिन्दी में बीटेक कोर्स शुरू करने की अनुमति दी गई है। इनमें जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, ग्रेटर नोएडा को कंप्यूटर साइंस एवं आईटी में हिन्दी माध्यम से बीटेक कोर्स की अनुमति दी गई है। यूपी का दूसरा कॉलेज प्राणवीर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर है जिसे कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग कोर्स शुरू करने की अनुमति मिली है। तीसरा गाजियाबाद का अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज है। इसे भी कंप्यूटर साइंस हिन्दी में शुरू करने की मंजूरी मिली है। चौथा कॉलेज नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी है। यह भी कंप्यूटर साइंस में बीटेक कोर्स इसी साल से शुरू करेगा। वहीं उत्तराखंड के ग्राफिक इरा डीम्ड यूनिवर्सिटी को तीन बीटेक कोर्स हिन्दी में शुरू करने की अनुमति दी गई है। ये कोर्स कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग हैं। इसके अलावा राजस्थान में पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग तथा पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को कंप्यूटर साइंस में हिन्दी में कोर्स शुरू करने और मध्य प्रदेश के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड साइंस आईपीएस अकादमी इंदौर को कंप्यूटर साइंस में हिन्दी कोर्स शुरू करने की अनुमति दी गई है।
एआईसीटीई का दावा है कि हिन्दी एवं क्षेत्रीय भाषाओं में इन इंजीनियरिंग कोर्स की पुस्तकें तैयार कर ली गई हैं। कई अन्य कोर्स की पुस्तकों को क्षेत्रीय भाषाओं में ट्रांसलेट करने का काम चल रहा है। महाराष्ट्र के दो कॉलेजों को मराठी तथा तमिलनाडु के दो कॉलेजों को तमिल में बीटेक कोर्स शुरू करने की अनुमति दी गई है। जबकि आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के एक-एक कॉलेज को तेलगु एवं बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने की अनुमति दी गई है।