नई दिल्ली, देव कुमार।फोन पर अधिकारी बनकर गिरफ्तारी की सूचना और बदले में पैसे की मांग हो तो समझें साइबर ठग या हैकर हैं। पुलिस, सीबीआई या अन्य केंद्रीय एजेंसियां इस तरह किसी की गिरफ्तारी नहीं करती है।देश में इन दिनों डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसको देखते हुए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा कि सीबीआई, पुलिस,सीमा शुल्क विभाग, ईडी या न्यायाधीश वीडियो कॉल के जरिये लोगों को गिरफ्तार नहीं करते हैं। संघीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ने ऐसे मामलों को एक स्कैम बताते हुए कहा कि लोग इंटरनेट का उपयोग करके किए गए ऐसे अपराधों के प्रति सचेत रहें। शनिवार को जारी एडवाइजरी में आई4सी की ओर से कहा गया कि घबराएं नहीं, सतर्क रहें। सीबीआई, पुलिस, कस्टम, ईडी, न्यायाधीश आपको वीडियो कॉल पर गिरफ्तार नहीं करेंगे। एडवाइजरी में व्हाट्सएप और स्काइप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लोगो को दर्शाया गया है, ताकि यह दिखाया जा सके कि ऐसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करके स्कैम के लिए कॉल किए जाते हैं। आई4सी ने लोगों से ऐसे अपराधों की रिपोर्ट केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 या वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर करने का आग्रह किया। यह साइबर अपराध की ओर से तकनीक को दिया गया नाम है। इसमें धोखेबाज खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसी (ईडी, सीबीआई या अन्य) के अधिकारी बताकर किसी व्यक्ति को एसएमएस या वीडियो कॉल करते हैं। इसमें वह दावा करते हैं कि उस व्यक्ति या उसके करीबी परिवार के सदस्यों को सरकारी जांच एजेंसी ने एक आपराधिक मामले में पकड़ा है। उदारण के तौर पर नशीली दवाओं की तस्करी या मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधि। इसके बाद साइबर अपराधी बाद में व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर लेता है और उनसे अपने मोबाइल फोन के कैमरे चालू रखने के लिए कहता है। फिर पीड़ित को बाहर निकालने के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से पैसे मांगता है।