न्यूयॉर्क।
पेप्सिको की पूर्व चेयरपर्सन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) इंदिरा नूयी ने कहा कि उन्होंने कभी भी वेतन वृद्धि की मांग नहीं की।
12 साल तक पेप्सिको का नेतृत्व करने वाली 65 साल की नूयी ने 2018 में कंपनी के सीईओ का पद छोड़ दिया था। उन्होंने माई लाइफ इन फुल नाम से एक संस्करण भी लिखा है। चेन्नई में जन्मी नूयी ने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की और मास्टर डिग्री के लिए अमेरिका में येल विश्वविद्यालय जाने से पहले भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) कलकत्ता में प्रबंधन का अध्ययन किया। उन्हें दुनियाभर में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली महिला नेतृत्वकर्ताओं में से एक माना जाता है। नूयी ने एक मैगजीन को दिए साक्षात्कार में कहा कि मुझे लगता है कि मैं ऐसी ही हूं। मैंने कभी भी वेतन वृद्धि की मांग नहीं की। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने कभी वेतन वृद्धि की मांग क्यों नहीं की, तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता। मुझे यह अटपटा लगता है। मैं यह कल्पना नहीं कर सकती कि मैं किसी के लिए काम करूं और कहूं मेरा वेतन पर्याप्त नहीं है। मैं और मेरे पति हर समय इसके बारे में बात करते हैं। वह कहते हैं कि यह जितना हमने सोचा था उससे कहीं ज्यादा पैसा है, इसलिए इसे (वेतन वृद्धि को) भूल जाओ। वह भी ऐसे ही हैं। साक्षात्कार में बताया गया कि 2017 में नूयी का वेतन करीब 3.1 करोड़ डॉलर था।