लंदन। कश्मीरी कार्यकर्ता और पत्रकार याना मीर ने ब्रिटेन की संसद की ओर से आयोजित संकल्प दिवस में अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को धूमिल करने के लिए पाकिस्तान के प्रचार तंत्र की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा है और वह वहां पूरी तरह सुरक्षित और स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि वह मलाला यूसुफजई नहीं हैं, जिन्हें आतंकवाद के गंभीर खतरों के कारण अपना देश छोड़कर भागना पड़ा।
मीर ने ब्रिटेन की संसद में अपने बयान में अंतरराष्ट्रीय मीडिया समुदाय से जम्मू कश्मीर के लोगों को विभाजित करना बंद करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, मैं कभी भी मलाला नहीं बनूंगी। मुझे मेरे देश, प्रगतिशील मातृभूमि को उत्पीड़ित कहकर बदनाम करने के लिए मलाला पर आपत्ति है। मुझे सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के ऐसे सभी टूलकिट सदस्यों पर ऐतराज है जो कभी कश्मीर नहीं गए, लेकिन वहां उत्पीड़न की कहानियां गढ़ते हैं।
ब्रिटेन में एक थिंक टैंक द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान याना मीर को जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में विविधता को बनाए रखने के लिए पुरस्कार भी मिला। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, बेहतर सुरक्षा, सरकारी पहलों और धन आवंटन की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। मीर ने कहा कि मैं आपसे धर्म के आधार पर भारतीयों का ध्रुवीकरण बंद करने का आग्रह करती हूं। हम आपको हमें तोड़ने की इजाजत नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि संकल्प दिवस पर, मुझे बस यही उम्मीद है कि ब्रिटेन और पाकिस्तान में रहने वाले अपराधी अंतरराष्ट्रीय मीडिया या मानवाधिकार मंचों पर मेरे देश को बदनाम करना बंद कर देंगे।