नई दिल्ली। नीलू सिंह
सीबीआई ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ शुक्रवार को नया मामला दर्ज किया है। साथ ही हुड्डा के निवास समेत दिल्ली-एनसीआर में करीब 20 जगहों पर छापेमारी भी की गई है। इनमें दिल्ली में तीन स्थान भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक यह कार्रवाई 2009 में गुड़गांव में 1417 एकड़ जमीन आवंटन में हुई अनियमतिताओं को लेकर की गई है।
जांच एजेंसी ने हुड्डा के अलावा हरियाणा के अपर मुख्य सचिव त्रिलोक चंद गुप्ता और 15 बिल्डरों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। गुप्ता 2009 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हूडा) के मुख्य प्रशासक थे। बिल्डरों में डीएलएफ, एमार एमजीएफ, बज होटल, अंसल के नाम भी शामिल हैं। एजेंसी ने जिन अन्य बिल्डरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उनमें आर.एस. इन्फ्रास्ट्रक्चर, मार्शल बुइलकॉन, मार्कोनी इन्फ्राटेक, कमांडर रियलटर्स, एस.यू. इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, क्रिश बिल्डटेक, जेएमडी लिमिटेड, गुप्ता प्रोमोटर्स, एचएस रिएल्टी, डीएसएस इन्फ्रास्ट्रक्चर और सना रियल्टर्स के नाम हैं। सीबीआई ने बताया कि जांच अधिकारियों ने बाराखम्बा रोड स्थित मैसर्स डीएसएस इंफ्रास्ट्रेक्चर प्राइवेट लिमिटेड, कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मैसर्स अंसल प्रोपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रेक्चर लिमिटेड तथा झंडेवालान मैसर्स डीएलएफ न्यू गुड़गांव होम्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालयों में छापेमारी की गई। शुक्रवार सुबह इन के आधिकारिक कार्यालयों पर छापेमारी की गई। जानकारी के अनुसार अधिकारियों की एक टीम तड़के हुड्डा के रोहतक स्थित निवास पर पहुंची।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 1 नवंबर, 2017 को मामला दर्ज किया था। सीबीआई 2009 से 2012 के बीच हुए जमीन आवंटन में बरती गई अनियमितताओं की जांच करना चाहती है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने सेक्टर 58 से 63 और 65 से 67 के अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद 31 मई, 2010 को 850.10 एकड़ जमीन की अधिग्रहण के लिए भी अधिसूचना जारी की गई।
शुरुआती जांच में ये आरोप :
सीबीआई ने शुरुआती जांच (पीई) में पाया कि ‘हूडा’ ने अधिग्रहण को सुनिश्चित किया था ताकि लोगों को उचित दाम पर विकसित जमीन मिल सके और आर्थिक रूप से पिछड़ों को फायदा हो। मगर यह लक्ष्य हासिल नहीं हो सका। एजेंसी ने आरोप लगाए हैं कि निजी बिल्डरों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री व मुख्य प्रशासक के साथ मिलकर धोखाधड़ी करने के लिए साजिश रची। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के बाद हड़बड़ाए लोगों ने जमीन निजी डेवलपरों को सस्ते दामों पर बेचना शुरू कर दिया। जमीन का एक बड़ा हिस्सा हूडा के किसी काम का नहीं था, लेकिन फिर भी इसे सरकारी अधिसूचना में शामिल किया गया। यह भी आरोप हैं कि करीब 616.40 एकड़ जमीन निजी डेवलपर्स को दे दी गई।
बदले की भावना से हुई छापेमारी: हुड्डा
रोहतक | एजेंसी
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने आवास और अन्य परिसरों पर सीबीआई छापों को ‘राजनीतिक बदले की भावना’ से की गई कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि यह उनकी आवाज को दबाने के लिए किया गया।
सीबीआई टीम के उनके घर से जाने बाद उन्होंने कहा, ‘यह कुछ नहीं बल्कि राजनीतिक बदला है। वे मेरी आवाज दबाना चाहते हैं जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिलेगी।’ हुड्डा ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों के साथ ‘पूरा सहयोग’ किया। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें कुछ नहीं मिला। हरियाणा के पूर्व सीएम ने कहा, ‘वह मेरे भतीजे द्वारा काफी समय पहले भरे गए आयकर रिटर्न की प्रति ले गए। मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला। मैं स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से हूं, अंग्रेज भी हमें दबा नहीं पाए थे। मैं कानूनी प्रक्रिया जानता हूं और न्यायिक तंत्र में मेरा पूरा भरोसा है।’
खट्टर पर पलटवार :
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर पलटवार करते हुए हुड्डा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री बिना तथ्यों के मेरे खिलाफ बयान दे रहे हैं।’ हुड्डा शुक्रवार को रणदीप सिंह सुरजेवाला के पक्ष में माहौल बनाने के लिए शुक्रवार को जींद में कांग्रेस की एक रैली को संबोधित करने वाले थे। रणदीप पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जो वहां से विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस विधायक एवं पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा ने आरोप लगाया था कि ये छापेमारी हुड्डा को चुनाव बैठक में शामिल होने से रोकने के लिए की गई। हुड्डा के बेटे एवं रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी छापेमारी के दौरान घर में मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘मौजूदा भाजपा सरकार पिछले पांच सालों से राजनीतिक बदले के साथ काम कर रही है।’