नई दिल्ली। हॉकी इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रहीं एलेना नॉर्मन ने कुछ महीनों से बकाया राशि का भुगतान नहीं होने के कारण पद से त्यागपत्र दे दिया है।
ऑस्ट्रेलिया की रहने वालीं नॉर्मन लगभग 13 वर्ष से यह पद संभाल रही थीं। लेकिन उन्हें पिछले तीन महीने से भुगतान नहीं किया गया है। नॉर्मन का त्यागपत्र राष्ट्रीय महासंघ के लिए एक और झटका है जिसने अपने आधिकारिक बयान में उनके पद छोड़ने का सटीक कारण नहीं बताया है। हालांकि सूत्रों ने कहा कि नॉर्मन पिछले तीन महीने से बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से परेशान थीं और वह काम के माहौल से भी नाखुश थीं। नॉर्मन का त्यागपत्र भारतीय महिला हॉकी टीम की मुख्य कोच यानेक शॉपमैन के इस्तीफे के कुछ दिनों बाद आया है। शॉपमैन ने दावा किया था कि राष्ट्रीय महासंघ उन्हें महत्व नहीं देता और उनका सम्मान नहीं करता। उन्होंने कहा था कि टीम के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के कारण उन्हें काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा था। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप टिर्की ने नॉर्मन का त्यागपत्र स्वीकार करते हुए उनका आभार भी व्यक्त किया। नॉर्मन ने अपने कार्यकाल का अधिकतर समय अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के हॉकी इंडिया का प्रमुख रहते हुए बिताया। दिलीप टिर्की ने कहा कि मैं पिछले 12-13 वर्षों में उल्लेखनीय योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं। उनके समर्पण और प्रयासों ने हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी को वर्तमान समय की मजबूत स्थिति में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मैं भविष्य के लिए उन्हें शुभकामना देता हूं। नॉर्मन के शीर्ष पद पर रहते हुए भारत की पुरुष और महिला टीमों ने अपनी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल की थी। यही नहीं, पुरुष टीम ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर 41 साल से चले आ रहे पदक के इंतजार को खत्म किया था। इन खेलों में महिला टीम भी चौथे स्थान पर रही थी।