केप कैनावेरल। अंतरिक्ष अन्वेषण में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गई है। अमेरिका की निजी अंतरिक्ष कंपनी फायरफ्लाई एयरोस्पेस का ‘ब्लू घोस्ट’ लैंडर रविवार को सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया। यह नासा के लिए 10.1 करोड़ डॉलर (करीब 884 करोड़ रुपये) की लागत से विशेष उपकरण लेकर गया है, जिनका मकसद भविष्य के मानव मिशनों की तैयारी, चंद्रमा पर आवास, संसाधन और जलवायु अध्ययन के लिए आवश्यक डेटा जुटाना है।
फायरफ्लाई एयरोस्पेस की यह पहली चंद्र यात्रा थी और वह चांद की सतह पर बिना क्रैश लैंडिंग करने वाली पहली अमेरिकी निजी कंपनी बन गई। ‘ब्लू घोस्ट’ ने चंद्रमा के उत्तरी गोलार्ध में एक प्राचीन ज्वालामुखी के पास लैंडिंग की। पृथ्वी से लगभग 3.6 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर यह लैंडर सफलता से चंद्रमा पर पहुंचा। टेक्सास स्थित मिशन कंट्रोल सेंटर से इसकी पुष्टि होते ही जश्न का माहौल बन गया और कंट्रोल टीम ने उत्साहित होकर घोषणा की— “हम चांद पर पहुंच गए! इस मिशन में कई उन्नत वैज्ञानिक उपकरण भेजे गए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह और वहां के वातावरण का अध्ययन करना है। चंद्रमा की सतह के 10 फीट गहरे तापमान को मापने के लिए, चंद्रमा की धूल इकट्ठा कर उसके भौतिक और रासायनिक गुणों का विश्लेषण करने के लिए, चंद्रमा की धूल से उत्पन्न समस्याओं का समाधान खोजने के लिए यह मिशन महत्वपूर्ण है। अपोलो मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को इससे काफी परेशानी हुई थी।
चंद्रमा पर मिशन भेजने की होड़ अब सिर्फ सरकारी एजेंसियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि निजी कंपनियां भी तेजी से इस दौड़ में शामिल हो रही हैं। ‘ब्लू घोस्ट’ के बाद अमेरिका की इंट्यूटिव मशीन कंपनी भी इस हफ्ते अपना 15 फीट ऊंचा लैंडर चांद पर भेजने की तैयारी में है। इसी तरह, जापान की ‘इस्पेस’ कंपनी भी अगले तीन महीनों में अपना दूसरा चंद्र मिशन लॉन्च करेगी। हालांकि, इस कंपनी का पहला मिशन 2023 में क्रैश हो गया था। अब तक चंद्रमा की सतह पर कई देशों के दर्जनों मिशन क्रैश हो चुके हैं, लेकिन नासा का लक्ष्य है कि हर साल कम से कम दो निजी लैंडर चंद्रमा पर भेजे जाएं, ताकि भविष्य में वहां इंसानों की मौजूदगी सुनिश्चित की जा सके। नासा की वैज्ञानिक निकी फॉक्स ने इस सफलता को लेकर कहा कि “चंद्रमा पर निजी कंपनियों के सफल मिशन, अंतरिक्ष में नई संभावनाओं के द्वार खोल रहे हैं। वहीं, फायरफ्लाई एयरोस्पेस के सीईओ ने कहा, “हर मिशन हमें कुछ सिखाता है और हमें भविष्य की यात्रा के लिए तैयार करता है। यह सफलता हमें मंगल और उससे भी आगे जाने के रास्ते पर ले जाएगी। इस उपलब्धि के साथ, अंतरिक्ष में निजी कंपनियों की भूमिका और प्रभाव तेजी से बढ़ता जा रहा है, जो भविष्य में चंद्रमा से लेकर मंगल और उससे आगे तक इंसानी बस्तियां बसाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
