लाहौर। पाकिस्तान अपने दोनों हाथों से भिक्षा मांगना बंद करे। हाथों में भिक्षा पात्र रख कर सम्मान नहीं हासिल किया जा सकता। इससे अच्छा है कि पाकिस्तान भारत और अन्य पड़ोसी देशों के साथ संबंध मजबूत करे। यह बात पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कही।
पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि उनके मुल्क को आर्थिक, राजनीतिक या सैन्य रूप से अमेरिका पर आश्रित देश रहने के बजाय भारत और अन्य पड़ोसी देशों के साथ संबंध मजबूत करना चाहिए। हिना ने यहां शनिवार को थिंक फेस्ट में अमेरिका – पाकिस्तान संबंधों पर कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा ही खुद के एक पूर्ण रणनीतिक साझेदार होने की कल्पना की है, जो दूर की बात है। पाकिस्तान की प्रथम महिला विदेश मंत्री रह चुकीं हिना ने कहा कि पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण संबंध अमेरिका के बजाय अफगानिस्तान, भारत, ईरान और चीन के साथ होना चाहिए। हिना ने कहा कि अमेरिका उतनी अहमियत पाने का हकदार नहीं है जितनी पाकिस्तान में उसे दी गई है क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था अमेरिका के सहयोग पर निर्भर नहीं है, जैसा कि व्यापक रूप से माना जाता है। हिना ने कहा कि पाकिस्तान को अमेरिका से ज्यादा उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए। गौरतलब है कि हिना के ही कार्यकाल के दौरान अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मई 2011 में एक अमेरिकी सैन्य अभियान में मारा गया था। हिना रब्बानी ने प्रधानमंत्री इमरान खान पर भी हमला बोला। उन्होंने इमरान की अगुवाई वाली सरकार के चीन की नकल के दावों का जिक्र करते हुए कहा कि बीजिंग ने अपने लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। जबकि पाकिस्तानी शासक इसके विपरीत काम कर रहे हैं। पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अवश्य ही अफगान युद्ध से बाहर निकल जाना चाहिए। 17 बरसों से चले आ रहे इस युद्ध में पाक को सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ा है।