हल्द्वानी। अनीता रावत
उत्तराखंड में रोडवेज कर्मचारियों को छह माह से वेतन नहीं देने और उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की रोडवेज संबंधी परिसंपत्तियों का बंटवारा नहीं होने के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की। हाईकोर्ट ने सरकार से सीधा सवाल किया कि दोनों यूपी और उत्तराखंड के परिवहन सचिवों की मीटिंग करने में कहां समस्या आ रही है? कोर्ट के बार-बार आदेश देने के बाद भी अब तक दोनों प्रदेशों के सचिवों की मीटिंग नहीं हो पा रही है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के परिवहन सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह शीघ्र ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के परिवहन सचिवों की मीटिंग कराएं, जिससे परिवहन निगम की परिसंपत्तियों का बंटवारा हो सके। कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता से कहा कि वह एक सप्ताह के भीतर कोर्ट को बताएं कि कब तक दोनों प्रदेशों के परिवहन सचिवों की बैठक होगी। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।
उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन की तरफ से दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान वित्त सचिव अमित नेगी, परिवहन सचिव रंजीत सिन्हा, परिवहन निगम के नवनियुक्त प्रबंध निदेशक डॉ.नीरज खैरवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। सुनवाई के बाद खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तिथि नियत की है। बुधवार को हुई सुनवाई में परिवहन सचिव ने कोर्ट को बताया कि सरकार राज्य आकस्मिक निधि से ऋण के रूप में 34 करोड़ रुपये निगम के खाते में दे रही है, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। आज बुधवार को ही इस धनराशि को निगम के खाते में जमा कर दिया जाएगा।