देहरादून। अनीता रावत
देहरादून के हर्रावाला स्टेशन जल्द ही रेलवे का नया टर्मिनल बनेगा। इसके लिए रेलवे ने हर्रावाला में चौबीस कोच की ट्रेन का भी प्रस्ताव तैयार कर लिया है। हर्रावाला में वाशिंग लाइन, सिक और मालगाड़ी के संचालन को अलग ट्रैक बिछेगा। साथ ही हरिद्वार-हर्रावाला के बीच सेक्शन की स्पीड बढ़ाने और लंबी लूप लाइन के लिए काफी जमीन चाहिए। परियोजना के लिए पचास हजार वर्ग मीटर जमीन की मांग है। हालांकि रेलवे और राज्य सरकार भूमि के लिए सहमत है पर वन्य क्षेत्र होने से जमीन को लेकर वन विभाग से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। वन विभाग जानवरों को लेकर कोई खतरा मोल लेने को तैयार नहीं है। परियोजना पर अभी डेढ़ अरब रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
सीनियर डीसीएम रेल मंडल मुरादाबाद, सुधीर सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में रेलवे प्रोजेक्ट के विकास के लिए हर्रावाला को टर्मिनल बनाने का प्रस्ताव है। टर्मिनल व लूप लाइनों के विस्तार के लिए करीब पचास हजार वर्ग मीटर जमीन की जरूरत है। स्टेशन व सेक्शन पर बेहतर रेल संचालन के लिए डेढ़ अरब रुपये के प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि चार धाम यात्रा के प्रोजेक्ट को देखते हुए उत्तराखंड सरकार और रेल मुख्यालय के बीच दो बार लंबे दौर की बातचीत हो चुकी है। देहरादून और उसके आसपास के क्षेत्र को रेल परियोजनाओं के लिए विकसित करना चाहती है। प्रस्ताव है कि देहरादून तक 24 कोच की ट्रेन चलाई जांए। पर इसमें कई तरह की बाधाएं है। रेलवे ने देहरादून की क्षमता को देखते हुए नजदीकी स्टेशन हर्रावाला को विकास के लिए सबसे उपयुक्त माना है। हर्रावाला को टर्मिनल का दर्जा देकर रेलवे यहां से 24 कोच की ट्रेन संचालित करेगा। लूप लाइन की लंबाई कम होने और क्रासिंग के लिए पर्याप्त जमीन के लिए रेलवे और सरकार में सहमति है। पर बड़ी बाधा लूप लाइन के लिए जमीन और हर्रावाला को टर्मिनल के रुप में विकसित करने को 50 हजार वर्ग मीटर जमीन चाहिए। भूमि अधिग्रहण के लिए रेलवे, सरकार व वन विभाग में कई बार की बातचीत हो चुकी है। रेल संरक्षा आयुक्त ने इस साल हरिद्वार से देहरादून के बीच सौ किमी की स्पीड को मंजूरी दी। पर रायवाला और कासरो सेक्शन वन्य क्षेत्र होने स्पीड रात में 35 किमी निर्धारित है। सेक्शन की स्पीड बढ़ाने के लिए लूप लाइन की लंबाई बढ़ना जरुरी है। इसके लिए जमीन की दरकार है। यह क्षेत्र टाइगर रिजर्व, राजाजी नेशनल पार्क व वर्ल्ड लाइफ जोन में बंटा है। रेलवे ने ट्रेन संचालन के लिए सरकार व वन विभाग से जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा है। ट्रेन की लंबाई से स्टेशन या लूप न लाइन न होने समेत अन्य पहलुओं को लेकर विभाग व सरकार गंभीर है। हालांकि 18 कोच की जगह छह कोच बढ़े तो सैकड़ों यात्रियों को सफर में आसानी होगी।