वाराणसी। श्रीकाशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने श्रीआदि शंकराचार्य महासंस्थानम् न्यास की ओर से संचालित गोशाला में गोपाष्टमी पर गोमाता का पूजन किया।
कार्यक्रम में शंकराचार्य ने कहा कि गोपाष्टमी गायों की पूजा को समर्पित और उनके प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रदर्शित करने का त्योहार है। गाय माता की सेवा से परिवार में सुख शांति बनी रहती है। जीवन में कोई संकट नहीं आता। गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। गाय को आध्यात्मिक और दिव्य गुणों का स्वामी भी माना जाता है। उन्होंने बताया कि ब्रज समेत पूरे देश में गोपाष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, राजयोग समेत कई शुभ फलदायक योग बन रहे हैं। इन शुभ योग में गाय का पूजन करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं । गोपाष्टमी तिथि से ही भगवान श्रीकृष्ण ने गायों को चराना आरंभ किया था। इस अवसर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के व्याकरण विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रमा कान्त पाण्डेय ने कहा कि गोपाष्टमी पर गाय की पूजा उपासना करने से 33 कोटि देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है, और घर में सुख-शान्ति और समृद्धि आती है। इस दिन से भगवान कृष्ण ने गाय को चराना शुरू कर दिया था, इससे पहले वे केवल गाय के बछड़ों को ही चराया करते थे। इस अवसर पर स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती, श्री आदि शंकराचार्य वेद महासंस्थानम् के बटुक एवम् काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के व्याकरण विभाग के विद्यार्थियों ने भी गो पूजन किया ।