मैं काबुल में रहता तो कत्लेआम मच जाता: राष्ट्रपति गनी

अंतरराष्ट्रीय

अबु धाबी।
तालिबान के कब्जे से पहले ही अफगानिस्तान छोड़कर भागे राष्ट्रपति अशरफ गनी को यूएई यानी इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात ने शरण दी है। बुधवार को एक बयान जारी कर यूएई ने यह जानकारी दी। वहीं देश छोड़ने के बाद अशरफ गनी ने अपने पहले बयान में कहा कि यदि मैं देश में रहता तो कत्लेआम मच जाता।
यूएई ने एक बयान जारी कर कहा है कि अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी उनके देश में हैं। यूएई ने कहा कि उसने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार को मानवीय आधार पर स्वीकार कर लिया है। तालिबान के काबुल के नजदीक पहुंचने से पहले ही गनी देश छोड़ कर चले गए थे। हालांकि काबुल न्यूज ने ट्वीट कर दावा किया कि अशरफ गनी चार दिन पहले काबुल से भागकर संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बस गए हैं। वहीं अफगानिस्तान छोड़ने के चौथे दिन बुधवार को देर रात अशरफ गनी पहली बार सबके सामने आए। गनी ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि मैं देश छोड़कर नहीं आता तो खून-खराबा होता। मैं देश में ऐसा होते नहीं देख सकता था, इसलिए मुझे हटना पड़ा। पैसे लेकर भागने के आरोपों पर भी गनी ने सफाई दी कि ये आरोप बेबुनियाद हैं। मैं देश के पैसे लेकर नहीं आया हूं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों की वजह से अफगानिस्तान से दूर हूं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बयानों पर गनी ने कहा कि हम तालिबान से बातचीत कर रहे थे, लेकिन यह बेनतीजा रही। उन्होंने सेना और अधिकारियों को धन्यवाद भी किया।

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