हल्द्वानी। अनीता रावत
बाढ़ आपदा प्रभावित क्षेत्र के भ्रमण पर आए सीएम के फ्लीट में शामिल जिप्सी पानी के तेज बहाव में बह गई। गहरे पानी में गई जिप्सी में एक सब इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल सवार थे। ग्रामीणों ने तीनों को बमुश्किल बाहर निकाला और बाद में खटीमा कोतवाल नरेश चौहान ने ग्रामीणों की मदद से ट्रैक्टर से गहरे पानी में उतरी जिप्सी को बाहर निकाला। राहत की बात यह रही हादसा होने से पहले सीएम का काफिला आगे निकल चुका था।
तीन दिनों तक हुई तेज बारिश से यूपी बॉर्डर से लगे ग्रामीण क्षेत्र पानी में डूबे हुए हैं। बुधवार को उत्तराखंड बॉर्डर पर पानी में डूबे गांव प्रतापपुर, नौसर, पकड़िया के भ्रमण को आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हल्द्वानी से सड़क मार्ग से नानक सागर पहुंचे। यहां से काफिला प्रतापपुर होते हुए नौसर खुदागंज होकर पीलीभीत रोड पर पहुंचना था। सीएम खटीमा के नोडल अधिकारी केदार सिंह बृजवाल की स्कार्पियो में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, भजापा नेता अमित कुमार पांडे, दिनेश सिंह मंगला के साथ आगे निकल गए। सीएम के पीछे डीजीपी अशोक कुमार, डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे, कुमाऊं कमिश्नर सुशील कुमार निकल गए। खटीमा कोतवाल नरेश चौहान पीछे थे और उनके आगे चल रही सीएम की फ्लीट में शामिल जिप्सी नौसर गांव के सीसी रोड से अचानक तेज बहाव से बह गई। जिप्सी पानी में बहने लगी, जिसे देखकर हड़कंप मच गया। गांव के लोग भाग कर आए और किसी तरह जिप्सी को पकड़ा। ग्रामीणों ने जिप्सी में बैठे सब इंस्पेक्टर हर्ष सिंह मेहरा, बंशीधर कापड़ी, हर्ष भंडारी को बमुश्किल बाहर निकाला। पानी के बहाव में एक सिपाही की टोपी बह गई, जबकि एक का रिवॉल्वर पानी में गिर गया। ग्रामीणों ने टोपी और रिवॉल्वर को तलाश कर निकाला। वहीं ट्रैक्टर की मदद से जिप्सी भी बाहर निकाली। इस दौरान कोतवाल नरेश चौहान भी मौके पर पहुंच गए। कोतवाल ने बताया कि किसी भी पुलिस कर्मी को कोई चोट नहीं आई है।