नई दिल्ली। टीएलआई
डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के 19 साल पुराने मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह सहित पांच दोषियों को सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अन्य चार दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
पंचकूला स्थित विशेष अदालत ने आठ अक्तूबर को राम रहीम, कृष्णलाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल को रंजीत हत्याकांड में दोषी करार दिया था। सीबीआई के विशेष अभियोजक एचपीएस वर्मा ने बताया कि पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
रंजीत सिंह की दस जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियां गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक अज्ञात पत्र के प्रसार में संदिग्ध भूमिका के चलते उसकी हत्या हुई थी। इस पत्र में बताया गया था कि डेरा प्रमुख डेरा मुख्यालय में किस प्रकार महिलाओं का यौन शोषण करता है।
सीबीआई की ओर से दाखिल आरोपपत्र में कहा गया था कि डेरा प्रमुख का मानना था कि इस अज्ञात पत्र को प्रसारित करने के पीछे रंजीत सिंह का हाथ था। लिहाजा उसने रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रची। इससे पहले, गुरमीत राम रहीम को 2017 में दो अनुयायियों के साथ दुष्कर्म करने के जुर्म में 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। वह फिलहाल रोहतक की सुनरिया जेल में कैद है। पंचकूला स्थित अदालत के जज सुशील गर्ग ने सोमवार को राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अन्य चार दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। वर्मा ने कहा कि डेरा प्रमुख पर 31 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। आधी राशि पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर जाएगी। राम रहीम को इससे पहले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में भी उम्रकैद की सजा हो चुकी है। राम रहीम के एडवोकेट अजय बर्मन ने कहा कि वह फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।