नई दिल्ली। टीएलआई
पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड केस में उम्र कैद कीसजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। पंचकुला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को हत्या के 19 वर्ष पुराने केस में गुरमीत समेत कुल पांच लोगों को दोषी पाया है। अब अदालत 12 अक्तूबर को सजा सुनाएगी।
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने राम रहीम समेत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। सीबीआई अदालत के न्यायधीश डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने रणजीत सिंह हत्या केस में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम, तत्कालीन डेरा प्रबंधक कृष्ण लाल, अवतार, जसबीर और सबदिल को दोषी पाया है। सुनवाई के दौरान गुरमीत और कृष्ण कुमार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश किया गया, जबकि अन्य को कोर्ट में पेश किया गया। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में 20 वर्ष तथा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या केस में रोहतक जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। जिसको लेकर 25 अगस्त 2017 को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार देते हुए सुनारियां जेल में भेज दिया था। उस वक्त पंचकुला व अन्य क्षेत्रों में अनुयाइयों की वजह से हुई हिंसा में 31 लोग मारे गए थे। रणजीत हत्याकांड मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को जैसे ही गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी ठहराया तो वह परेशान हो गया और रोने लगा। ऑनलाइन पेशी के दौरान वह काफी समय तक जज की ओर हाथ जोड़कर खड़ा रहा। जेल सूत्रों के मुताबिक गुरमीत के वकील ने अदालत में पहले डेरा प्रमुख गुरमीत की ओर से कराए गए सामाजिक कार्यों का वर्णन किया। इस पर जज ने इस पर कहा कि अच्छे कार्य अपराध की इजाजत नहीं देते। गुरमीत यह सुनकर हताश हो गया और रोने लगा। बताते हैं गुरमीत जेल में असहज था। उसने ठीक से नाश्ता भी नहीं किया था। सुबह से ही भगवान की याद में गीत गा रहा था।