हल्द्वानी। अनीता रावत
महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी 15 साल बाद इस बार अपने गांव में ही दीपावली मनाएंगे। कोश्यारी पांच नवंबर को अपने पैतृक गांव नामती चेटाबगड़ में दीये जलाएंगे और गांव के बजुर्गों के हाल चाल जानेंगे। पांच नवंबर को पैतृक गांव में रहने के बाद छह नवंबर को वह बागेश्वर के लोनिवि विश्राम गृह में लोगों से मुलाकात करेंगे। कोश्यारी 2006 में दीपावली मनाने अपने मूल गांव नामती चेटाबगड़ आए थे। उसके बाद इस साल वह अपने पैतृक गांव दीपावली के मौके पर आ रहे हैं।
कोश्यारी राज्यपाल बनने के बाद उनका बागेश्वर का पहला दौरा है। बागेश्वर जिला कोश्यारी की जन्म स्थली है। कोश्यारी वर्तमान में भी प्रदेश की राजनीति में गहरी पैठ रखते हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी कोश्यारी का राजनीतिक शिष्य माना जाता है। इधर, कोश्यारी के कई वर्षों बाद गांव का रुख करने और चुनाव नजदीक आने के कारण उनके दौरे को लेकर राजनीतिक कयास भी लगाये जा रहे हैं। प्रदेश की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद पुन: यूपी की राजनीति में सक्रिय होते ही कोश्यारी के भी राज्यपाल पद छोड़कर फिर सक्रिय राजनीति में आने की चर्चा थी, हालांकि बुधवार को पिथौरागढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कोश्यारी ने सक्रिय राजनीति में नहीं आने की घोषणा की है। इसके बाद इस तरह के कयासों पर विराम लग गया है। हालांकि इसके बाद भी राजनीति के जानकारों का कहना है कि इस बार कपकोट सीट से पार्टी के भीतर वर्तमान विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, पूर्व विधायक और बीसूका के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष शेर सिंह गड़िया पार्टी टिकट के दावेदार हैं तो वहीं कोश्यारी के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान उनके जनसंपर्क अधिकारी रहे भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश गड़िया भी प्रमुख दावेदारों में हैं। ऐसे में समझा जा रहा है कि कोश्यारी इस दौरे के बहाने आगामी विधायक प्रत्याशी का अप्रत्यक्ष संकेत दे जाएंगे, वहीं बागेश्वर सीट से भी वर्तमान में विधायक चंदन राम दास के साथ ही गरुड़ निवासी एडवोकेट जगदीश आर्या और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा आर्या भी टिकट पाने की होड़ में हैं। कोश्यारी इस सीट पर भी अप्रत्यक्ष रूप से टिकट का आशीर्वाद दे सकते हैं।