हल्द्वानी। अनीता रावत
पैतृक गांव में दीपावली मनाने के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी शनिवार को वापस लौट गए। इस दौरान बागेश्वर के लोनिवि विश्राम गृह में पुराने साथियों और अन्य लोगों से मुलाकता की।
महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी गृह जनपद के दौरे में सभी से भगतदा बनकर ही मिले। उम्र में छोटा हो या बड़ा हर कोई भगतदा से मिलने को आतुर था। प्रशासन के साथ ही भाजपा जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, जिला महामंत्री डा राजेंद्र सिंह परिहार समेत उनके पूर्व में पीआरओ रहे सुरेश गड़िया भी उनसे लोगों को मिलाने की व्यवस्था में जुटे थे। कक्ष में जाते ही उनके साथ इमरजेंसी के दौरान जेल में रहे आचार्य बसंत बल्लभ पांडे भी पहुंचे तो उन्होंने गले लगाकर उनका स्वागत किया और आशल-कुशल जानी। इसके बाद उनसे जनता व पदाधिकारियों का मिलना प्रारंभ हुआ तो उन्होंने हर किसी को ध्यान से सुना व प्रत्येक का नाम लेकर उनसे परिवार की आशल कुशल जानी। कुछ नए चेहरों को सुरेश गड़िया व शिव सिंह बिष्ट ने उनसे भगतदा का परिचय कराया। कई लोग भगतदा से मिलते रहे परंतु भगतदा ने अपने साथी बसंत पांडे व साधु भगवान गिरी को साथ ही बैठाए रखा। कई लोगों को उन्होंने मुंबई आने का भी निमंत्रण दिया। बीच बीच में वे आचार्य पांडे के साथ बिताए पलों को याद करते रहे। बता दें कि आचार्य पांडे के साथ भगतदा वर्ष 1975 में 27 माह तक इमरजेंसी के दौरान अल्मोड़ा जेल में रहे, इसके बाद भगतदा पर मीसा कानून के तहत कार्रवाई हुई तो उन्हें नैनी सेंटल जेल भेज दिया। इसके बाद कार सेवा में भी आचार्य जी व भगतदा साथ थे। आचार्य श्री पांडे ने बताया कि भगतदा वर्ष 1975 की तरह ही सरल व व्यवहारिक रहे। भगत दा अपने पुराने आरएसएस के साथी भूपाल सिहं धपोला के घर गए तथा उनकी कुशल क्षेम पूछी। रविवार को सुबह कोश्यारी को पता चला कि धपोला लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे हैं तो वे स्वयं को रोक नहीं पाए तथा उन्होंने उनसे मिलने का कार्यक्रम बना लिया। वे काफिले के साथ उनके घर गए तथा उनका हाल चाल जाना। कोश्यारी के घर आने पर धपोला भी काफी भावुक हो गए।