
आज दिनांक 20 मार्च 2025 को ग्राम पनियाली, हल्द्वानी में महिला महाविद्यालय, हल्द्वानी की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के विशेष शिविर के तीसरे दिन एनएसएस स्वयंसेवियों द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत जागरूकता रैली भी निकाली गई। इस रैली के दौरान स्वयंसेवियों ने बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने वाले नारे लगाए तथा ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें। रैली में शामिल एक स्वयंसेवी छात्रा पूजा बिष्ट ने कहा, कि गांवों में आज भी लड़कियों की शिक्षा को लेकर कई भ्रांतियां हैं। हम चाहते हैं कि ग्रामीण यह समझें कि बेटियां भी बेटों के समान ही परिवार और समाज के विकास में योगदान दे सकती हैं। शिक्षा से ही सशक्तिकरण संभव है।इसके पश्चात निःशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य ग्रामीणों को नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और उन्हें निःशुल्क नेत्र जांच की सुविधा प्रदान करना था। नेत्र जांच शिविर का आयोजन शुभानु नेत्र चिकित्सालय के सहयोग से किया गया, जिसमें डॉ. भानु पांगती, हिमांशु पांगती एवं मार्केटिंग हेड आनंद सिंह एवं उनकी टीम ने 100 से अधिक ग्रामीणों की आंखों की जांच की। उन्होंने ग्रामीणों को नेत्र स्वास्थ्य से संबंधित आवश्यक परामर्श भी दिया और कुछ जरूरतमंद लोगों को चश्मे तथा नेत्र संबंधी उपचार की सलाह दी। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी डॉ. रितुराज पंत ने कहा स्वास्थ्य और शिक्षा किसी भी समाज के विकास की नींव होती हैं। इस विशेष शिविर के माध्यम से हम ग्रामीणों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने और जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। नेत्र जांच शिविर से कई ग्रामीणों को लाभ हुआ है, और हम आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे। शिविर के बौद्धिक सत्र में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से आए खिमेश पेनेरु ने महिला अधिकारों पर विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों, संपत्ति में हिस्सेदारी, घरेलू हिंसा से सुरक्षा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न से बचाव, और सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। खिमेश पेनेरु ने कहा कई बार जानकारी के अभाव में महिलाएं अपने अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। हमारा उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को यह जानकारी देना है कि कानून उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए कितने प्रभावी प्रावधान करता है। अगर कोई महिला किसी भी प्रकार की हिंसा या अन्याय का शिकार होती है, तो उसे तुरंत कानूनी सहायता लेनी चाहिए।”
शिविर के दौरान एनएसएस स्वयंसेवियों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसका विषय था “महिला शिक्षा और आत्मनिर्भरता”। इस नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि शिक्षा महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाती है, जिससे वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर आत्मनिर्णय लेने में सक्षम होती हैं। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गीता पंत ने इस अवसर पर कहा महिला शिक्षा केवल एक लड़की के जीवन को नहीं बदलती, बल्कि पूरे परिवार और समाज को सशक्त बनाती है। हमारा प्रयास है कि गांव-गांव तक इस संदेश को पहुंचाया जाए। इस अवसर पर डॉ. हिमानी , सुनील खाती, चंद्रशेखर भट्ट सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।