नई दिल्ली। टीएलआई
पटना में 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में सिलसिलेवार बम विस्फोट करने के सभी नौ दोषियों को एनआईए कोर्ट ने सोमवार को सजा सुना दी। चार दोषियों को फांसी दो को उम्रकैद , दो को दस साल की सजा और एक दोषी को सात साल की सजा सुनाई गई है।
27 अक्तूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में गुजरात के तत्कालीन सीएम और भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली होनी थी। मोदी के रैली स्थल पर पहुंचने से पहले ही गांधी मैदान समेत पटना में एक के बाद एक आठ धमाके हुए थे। इन धमाकों से पहले पटना जंक्शन के टॉयलेट में भी विस्फोट हुआ था। यही नहीं आठ में से दो धमाके रैली खत्म होने के बाद सुरक्षा जांच के दौरान हुए। धमाकों के लिए कम शक्तिशाली बम का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन इसकी वीभत्सता और भयावह हो सकती थी, क्योंकि बिहार के विभिन्न इलाकों से आए लोगों से खचाखच भरे गांधी मैदान के आसपास हुए धमाकों की खबर से भगदड़ मचने की आशंका थी। धमाकों में छह लोगों की जान चली गई और 83 से अधिक लोग घायल हो गए थे। गौरतलब है कि धमाकों के दौरान मंच पर मौजूद भाजपा नेता इसे आतिशबाजी बताते रहे। उन्हें भी धमाकों की सच्चाई का पता नहीं था, लेकिन उनकी इन बातों ने रैली में भगदड़ मचने से जरूर बचा लिया था। खुद नरेंद्र मोदी को अपने भाषण के अंत में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करनी पड़ी थी। मामले की जांच के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। आज साल तक चली सुनवाई के बाद 27 अक्टूबर 2021 को एनआईए कोर्ट ने 250 पेज में आतंकियों को दोषी करार का फैसला दिया था। एनआईए ने इस कांड में 187 अभियोजन गवाह पेश किये थे। एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा की कोर्ट ने 18 बिन्दुओं पर फैसला सुनाते हुए सभी नौ दोषियों को सजा सुना दी। कोर्ट ने आतंकी इम्तियाज अंसारी, हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी और मुजिबुल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं आतंकी उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन अंसारी को उम्रकैद तो अहमद हुसैन, फिरोज आलम को 10-10 वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा इफ्तेखार को साक्ष्य छिपाने के आरोप में 7 वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। सभी दोषियों पर कोर्ट ने अलग-अलग जुर्माने भी लगाएं हैं।