पटना। एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी सारिका वहालिया ने मंगलवार को राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी को मानहानि के मामले एक वर्ष कैद और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। इससे पहले विशेष कोर्ट ने परिवाद मुकदमा के गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर मानहानि मामले में दोषी पाया। सजा के फैसले को सेशन कोर्ट में अपील दायर कर चुनौती देने के लिए पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी को औपबंधिक जमानत पर रिहा कर दिया गया।
जदयू के वरिष्ठ नेता व जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के खिलाफ वर्ष 2018 में एक परिवाद मुकदमा दायर किया था। इसमें शिवानंद तिवारी पर मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और परिवादी मंत्री संजय कुमार झा पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप लगाया गया था। उनका कहना था कि इस टिप्पणी की वजह से समाज में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई। इसके चलते मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ा। इस मामले में परिवादी मंत्री संजय कुमार झा ने विशेष कोर्ट में आरोपी शिवानंद तिवारी के खिलाफ सात गवाह पेश किए थे। विशेष कोर्ट ने आरोपी पूर्व सांसद पर भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत संज्ञान लिया था। इसी मामले में विशेष कोर्ट ने शिवानंद तिवारी को दोषी पाते हुए सजा सुनायी है।