लखनऊ। राज्य सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त समेत खाली 10 सूचना आयुक्त के पदों पर गुरुवार को नियुक्ति कर दी है। पूर्व डीजीपी आरके विश्वकर्मा को मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया है। इसके पहले भी इस पद पर आईपीएस अफसर पूर्व डीजी अभिसूचना भावेश कुमार तैनात रह चुके हैं। मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त का पद 25 फरवरी से खाली था।
प्रमुख सचिव प्रशासनिक सुधार के रविंद्र नायक ने गुरुवार को नियुक्ति संबंधी आदेश जारी किया। इनकी नियुक्ति तीन साल या अधिकतम 65 साल की आयु सीमा के लिए की गई है। उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त का एक और सूचना आयुक्त के 10 पद हैं। राज्य सरकार इन पदों पर विशेषज्ञ क्षेत्र वालों को नामित करती है।लखनऊ के एक दैनिक अखबार के संपादक मो. नदीम और मेरठ से निकलने वाले एक अन्य अखबार के संपादक राजेंद्र सिंह को सूचना आयुक्त बनाया गया है। इसी तरह कवि एवं पत्रकार वीरेंद्र सिंह वत्स और एक समाचार एजेंसी में काम करने वाले पत्रकार पदुम नारायण द्विवेदी को सूचना आयुक्त बनाया गया है। इसके अलावा बनाए गए सूचना आयुक्तों में सुधीर कुमार सिंह पीपीएस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। गिरजेश कुमार चौधरी पीसीएस सेवा में रहे हैं और राजस्व विभाग में एडीएम पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। डा. दिलीप कुमार अग्निहोत्री विद्यांत हिंदू कॉलेज लखनऊ में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम कर रहे हैं। स्वतंत्र प्रकाश जिला सत्र एवं न्यायालय बदायूं में वकलात कर रहे हैं और एक दैनिक अखबार में पत्रकारिता भी कर रहे हैं। शकुंतला गौतम पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। श्रमायुक्त कानपुर के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। वह स्थानीय निकाय निदेशक लखनऊ भी रह चुकी हैं। राकेश कुमार स्थाई लोक अदालत बाराबंकी में अध्यक्ष हैं। राज्य सरकार के अधीन न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।