लखनऊ। राजेन्द्र तिवारी
उत्तराखंड के रुड़की में एक दवा कंपनी में काम करने वाला युवक लॉकडाउन के कारण वहीं फंसा था। इधर उत्तरप्रदेश के एटा में पिता समेत परिवार के पांच लोगों का शव घर से बरामद होने से सनसनी फैल गई। पुलिस इस सनसनीखेज कांड को हत्या या आत्महत्या दोनों एंगल से जांच कर रही है।
रिटायर स्वास्थ्य निरीक्षक राजेश्वर प्रसाद पचौरी(55) का एटा में तीन मंजिला मकान है। राजेश्व का बेटा दिवाकर उत्तराखंड के रुड़की में एक दवा कंपनी में 10 साल से काम करता है। एटा में राजेश्व के साथ दिवाकर की पत्नी दिव्या(33), दिव्या की बहन बुलबुल(26), दिव्य का 10 साल का बेटा आरुष और 10 माह का बेटा ऋषव रहते थे। शनिवार को जब दूध वाला राजेश्वरके घर पहुंचा तो दरवाजा नहीं खुला। किसी अनिष्ट की आशंका से उसने पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने भी काफी आवाज लगाई। घर के सारे दरवाजे खिड़की अंदर से बंद थे। अखोरकर पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे तो घर का नजारा देखकर सभी चकित रह गए। घर में पांचों की लाश पड़ी थी । पुलिस के अनुसार बरामदे में दिव्या का शव तो अंदर के कमरे में राजेश्वर का, ऊपर के कमरे में बुलबुल और दोनों बच्चों के शव बिस्तर पर पड़े थे। एक साथ घर से पांच शव मिलने से मोहल्ले में हड़कंप मच गया। पांचों ने आत्महत्या की या हत्या की गई इसकी चर्चा शुरू हो गई। पुलिस ने दिवाकर को सूचना दी तो वह भी स्तब्ध रह गया। आननफानन में वह रुड़की से एटा के लिए रवाना हो गया। वहीं पुलिस इस पूरे मामले को हत्या और आत्महत्या दोनों एंगल से जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार दिव्या की कलाई कटी हुई थी और मुंह से झाग निकल रहे थे। जबकि अन्य चारों शवों के गले पर निशान मिले हैं। दो मासूम बच्चों की लाश देखकर सब स्तब्ध थे। दिवाकर ने बताया कि रात को पिता से बात करने के बाद सोया था। सुबह पुलिस ने यह मनहूस खबर सुनाई।