लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, पर सरकार कान में तेल डाले है।भाजपा सरकार किसानों को तबाह करने पर तुल गई है। जितनी उर्वरक की जरूरत है उतनी किसानों को नहीं मिल रही है। भाजपा पर हमला बोलते हुए रविवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह बातें कहीं।
अखिलेश ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि किसान खाद के लिए मारामारा फिर रहा है। डबल इंजन सरकार खाद उपलब्ध नहीं करा रही है। भाजपा सरकार को किसान की जिंदगी से कुछ लेना देना नहीं है। खाद के लिए किसान घंटों नहीं, कई-कई दिन लाइन लगाने को मजबूर हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रहा है। बुंदेलखंड में तो खाद के कानून व्यवस्था का सवाल बन जाने का खतरा है। कोंच जालौन, ललितपुर, झांसी आदि जिलों में सहकारी समितियों में खाद न होने से किसान परेशान है।
किसान रात से लाइन लगा रहे हैं। ललितपुर में खाद खरीदने के लिए दो दिन से बिना खाए-पिए लाइन में लगे किसान भोगी लाल की मौत हो गई। उसके परिवार को कम से कम 25 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए। अखिलेश ने कहा कि किसान की पकी और खड़ी धान की फसल असमय बरसात से बर्बाद हो गई है। क्रय केंद्रों में खरीद न होने से किसान को अपनी फसल 1000-1100 रुपये प्रति कुंतल में बेचना पड़ रहा है। सरकार ने अभी न नुकसान का आकलन कराया है और न ही तत्काल मदद दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा वैसे भी पूंजी घरानों की संरक्षक पार्टी है। उसे अब लग रहा है कि बढ़ते जनाक्रोश के चलते उसकी सत्ता में दोबारा वापसी नहीं होने वाली है। इसलिए वह किसानों को पूरी तरह हाषिये पर रख रही है। प्रदेश के एक मंत्री को अपने खस्ताहाल विभाग को दुरूस्त करने की फिक्र नहीं, वे बस विपक्ष को ट्वीट कर गलत साबित करने में ही लगे रहते हैं। अच्छा हो ‘बिन काम मंत्री के लिए एक’ ट्विटर टीका-टिप्पणी मंत्रालय दे दिया जाए। पीसीयू चेयरमैन राम मेहरोत्रा ने कहा वर्तमान में 300 मिलीलीटर गंगाजल की पैकिंग की गई है। जिसका मूल्य 150 रुपये रखा गया है। भविष्य में जिस हिसाब से मांग होगी उसी हिसाब से पैकिंग की जाएगी।