देहरादून। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आपातकालीन चिकित्सा विभाग की ओर से अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञों ने आपातकालीन चिकित्सा का महत्व बताया और मरीज के उपचार में विभागीय भूमिका की जानकारी दी। इस अवसर पर अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने संस्थान में आपातकालीन सेवाओं और संबंधित विभाग की स्थापना पर विशेष जोर दिया। निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाना चाहिए। निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि देशभर में स्थापित सभी नए एम्स संस्थानों में सिर्फ ऋषिकेश एम्स पहला संस्थान है जिसमें एमडी इमरजेंसी मेडिसिन कोर्स संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर न्यूयॉर्क से आए डॉ.बोनी आरक्यूला ने आपातकालीन चिकित्सा की शुरुआत व इसके विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान व रोगियों की चिकित्सा में आपातकालीन चिकित्सा के महत्व व योगदान संबंधी जानकारी दी। व्याखान में उन्होंने आपातकालीन चिकित्सा के विभिन्न आयामों मसलन प्री हॉस्पिटल केयर, विष विज्ञान, महामारी, डिजास्टर के बारे में विस्तृत चर्चा की। आपातकालीन चिकित्सा विभाग मरीज के अस्पताल आने से लेकर प्रथम 24 घंटे में जो सेवा प्रदान करता है,इसमें जीवन रक्षक उपचार, प्रक्रिया, आईसीयू एडमिशन, इंडो एडमिशन,सर्जरी व डिस्चार्ज आदि शामिल है। इससे पूर्व आयोजित परिचर्चा में एम्स के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों के साथ ही न्यूयॉर्क से आई डॉ.पिया डेनियल ने भी शिरकत की। जिसमें आपातकालीन चिकित्सा के विकास पर चर्चा की गई। डॉ.भारत भूषण भारद्वाज ने बताया कि निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत की ज्वाइनिंग के बाद संस्थान में 24×7 आपातकालीन सेवाएं शुरू की गई। इस अवसर पर इमरजेंसी मेडिकल एसोसिएशन इएमए इंडिया के इएमए उत्तराखंड चेप्टर की स्थापना भी की गई। बताया गया कि इससे वर्ष 2020 की इएमए इंडिया की नेशनल कांफ्रेंस आयोजित किया जा सकेगा। डीन प्रो.सुरेखा किशोर व प्रोफेसर बीना रवि ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रोफेसर मनोज गुप्ता, डॉ.सुबोध कुमार, डा.निधि काले, डा.भारत भूषण, डा.अंकिता, डा.पूनम आदि मौजूद थे।