हल्द्वानी। अनीता रावत
पंतनगर अखिल भारतीय किसान मेले में यूनिवर्सिटी के गन्ना वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए फायदेमंद गन्ने की तीन अगेती व सामान्य किस्म के कम रोग व अधिक फायदे की प्रजातियां रिलीज की हैं। शनिवार को किसान मेले के तीसरे दिन मेला स्थल पर लगे ऊधमसिंह नगर गन्ना विकास विभाग के स्टॉल पर गन्ना प्रसार अधिकारी रीना नौलिया ने किसानों को यह जानकारी दी।
पंतनगर किसान मेले में लगे ऊधमसिंह नगर आंचल दुग्ध संघ के स्टॉल पर शनिवार को खरीदारों की भारी भीड़ रही। यहां से भारी संख्या में लोगों ने आंचल के दूध, छांस, पनीर, मक्खन, दही, घी इत्यादि की खरीद कर उसका जमकर लुफ्त उठाया। वहीं मेले में पहुंचे दूरदराज के स्कूली छात्र-छात्राओं ने सोया दूध एवं आंचल की खीर को सर्वाधिक पसंद किया और भारी मात्रा में इसकी खरीद कर स्वाद का आनंद लिया। वहीं पंतनगर अखिल भारतीय किसान मेला स्थल को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए पंतनगर यूनिवर्सिटी ने अनूठे ढंग से ढोल-नगाड़े बजाकर संपूर्ण मेला स्थल को सेनीटाइज किया। मेले में ढोलकिये दो अलग-अलग स्प्रे मशीनों के आगे-आगे चल कर रास्ता खाली कर रहे थे और पीछे-पीछे यूनिवर्सिटी के सफाईकर्मी मेला स्थल पर लगे हर स्टॉल एवं रास्तों पर दवाई का छिड़काव कर पूरे मेला परिसर को सेनिटाइज कर रहे थे। इस दौरान मेला प्रांगण के केंद्रीय पंडाल से भी लाउडस्पीकर पर बार-बार लोगों से मास्क पहनने की अपील की गई। उधर मेले में पंतनगर यूनिवर्सिटी के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई गन्ने की अर्ली प्रजाति को पंत 12221 एवं दो अन्य 13226 व 12226 सामान्य प्रजातियों को विकसित कर रिलीज किया है। गन्ना प्रसार अधिकारी ने बताया कि अर्ली प्रजाति में बहुतायत से पाए जाने वाले रेड रॉक्स एवं पोका बोइंग जैसी घातक बीमारियों के प्रकोप से किसान बेहद परेशान रहते थे। इससे निजात पाने के लिए पंतनगर यूनिवर्सिटी के कृषि वैज्ञानिकों ने बहुत कम रोग अवरोधी प्रजातियों को विकसित किया है। उन्होंने बताया कि गन्ने की इन प्रजाति में शुगर रिकवरी बहुत अधिक है। इससे यह किसान और फैक्ट्री मालिकों के लिए सर्वाधिक लाभकारी सिद्ध हो रहा है। गन्ना प्रसार अधिकारी ने किसानों को बताया कि गन्ना विभाग ऊधमसिंह नगर में किसानों को गन्ने की जैविक पद्धति से बुवाई करने के लिए प्रेरित कर रहा है। जो कि बेहद कम लागत में अधिक लाभकारी तो है ही। साथ ही इसका जैविक तकनीक से तैयार किया गया गुड़, जूस एवं जैविक तकनीक से तैयार किया गया बहु उपयोगी व महंगा बिकने वाला जैगरी पाउडर बाजार में लोगों की पहली पसंद बना रहा है। इससे आने वाले समय में किसानों के लिए गन्ने की जैविक तकनीक सर्वाधिक लाभकारी सिद्ध होने वाली है।