लखनऊ। टीएलआई
योगी कैबिनेट ने जनसंख्या नीति को मंजूरी दे दी। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस नीति का लोकार्पण किया था। वहीं कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि अब हर ग्राम पंचायत का अपना भवन होगा और इसमें ग्राम प्रधान का कार्यालय होगा जिसमें इण्टरनेट सुविधा युक्त कम्प्यूटर, स्कैनर आदि की भी व्यवस्था की जाएगी। भवन निर्माण के बाद एक पंचायत सहायक और कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति की जाएगी, इससे करीब एक लाख 20 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य प्राप्त करने, निवारण योग्य मातृ मृत्यु और बीमारियों की समाप्ति, नवजात और पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की निवारण योग्य मृत्यु को समाप्त करना और उनकी पोषण स्थिति में सुधार करना, किशोर-किशोरियों के लिए यौन और प्रजनन स्वास्थ्य तथा पोषण से सम्बंधित सूचनाओं और सेवाओं में सुधार, वृद्धों की देखभाल और कल्याण में सुधार के उद्देश्य तय किये गये हैं।इस नीति के जरिये वर्ष 2026 तक महिलाओं द्वारा सूचित व स्वनिर्णय के माध्यम से सकल प्रजनन दर 2.1 और वर्ष 2030 तक इसे 1.9 पर लाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। राज्य में परिवार नियोजन, खासतौर पर सुदूरवर्ती व सेवाओं से वंचित समुदाय तक अधूरी मांग को पूरा करने के लिए आधुनिक गर्भ निरोधक प्रचलन दर को बढ़ाने के लिए रणनीति को प्राथमिकता दी जाएगी। यह प्रयास भी किया जाएगा कि विभिन्न समुदायों, संवर्गों और भौगोलिक क्षेत्रों में प्रजनन दर अधिक है उनमें जागरूकता के व्यापक कार्यक्रम चलाए जाएं। इस नीति को लागू करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि राज्य की जनसंख्या के नियंत्रण के लिए होने वाले प्रयासों में यह बात खासतौर पर ध्यान रखनी होगी कि इन प्रयासों से कहीं देश व प्रदेश की जन सांख्यकी असंतुलित न हो जाए। कोई विपरीत प्रभाव न पड़े इसलिए इस बारे में हर तबके को जागरूक करना होगा। उन्होंने अर्न्तविभागीय समन्वय से प्रयास किये जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सिर्फ स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा तथा परिवार कल्याण विभाग ही नहीं बल्कि महिला एवं बाल विकास, बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग के साथ शिक्षा से जुड़े संस्थानों को जोड़ना होगा तभी बेहतर परिणाम मिल सकेंगे। वहीं कैबिनेट ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना, प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक/एकाउंटेंट-कम डाटा इण्ट्री आपरेटर के चयन और इनकी तैनाती तथा इन पर होने वाले व्यय को वित्त आयोग, मनरेगा, ग्राम निधि, और अन्य योजनाओं के प्रशासनिक मद में अनुमन्य धनराशि से खर्च किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रदेश में पहली बार ग्रामीण सचिवालय की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में 58, 189 ग्राम पंचायतें हैं मगर इन सभी में अपने कार्यालय भवन नहीं हैं। 33, 577 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन से पहले से बने हुए हैं और 24, 617 पंचायत घर निर्माणाधीन हैं। इन पंचायत भवनों में जरूरत के अनुसार मरम्मत और विस्तार भी किया जा रहा है।