नई दिल्ली। टीएलआई
वह दिमागी रूप से एक माह पहले ही मर गई थी, लेकिन डॉक्टर बचाने का प्रयास कर रहे थे। वह खुद तो नहीं बच सकी लेकिन चार लोगों को नई जिंदगी जरूर दे गई। मामला चंडीगढ़ है। 13 वर्षीय इस लड़की के अंगों से चंडीगढ़ और मुंबई में चार रोगियों को जीवन मिला है। लड़की को सेरेब्रल ओडेमा की बीमारी थी।
चंडीगढ़ की एक लड़की सेरेब्रल ओडेमा के कारण आठ जुलाई को अचेत हो गई थी। उसे सेक्टर-16 के सरकारी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बहरहाल, उसकी स्थिति खराब होने के चलते उसे परास्नतक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) में भर्ती कराया गया। उसे बचाने के डॉक्टरों के सभी प्रयास विफल रहे और उसे नहीं बचाया जा सका। 18 जून को ही लड़की को दिमागी तौर पर मृत घोषित कर दिया गया था। पीजीआईएमईआर में अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर अशोक कुमार ने बताया कि परिवार की सहमति के बाद उसके हृदय, लीवर, किडनी और कोर्निया को सुरक्षित निकाला गया। इसके बाद पीजीआईएमईआर से चंडीगढ़ हवाई अड्डे तक ग्रीन कोरीडोर बनाकर अंगों को विमान से मुंबई भेजा गया। कुमार ने बताया कि शेष अंगों को यहां पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के रोगियों में प्रतिरोपित कर दिया गया।