नई दिल्ली। टीएलआई
कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है। कोर्ट ने राज्यों को स्पष्ट आदेश दिया है कि महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई जारी रहनी चाहिए।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि महामारी के दौरान जो बच्चे अनाथ हो गए हैं या जिनके माता-पिता में से एक की मौत हो गई है, उनकी पढ़ाई कम से कम वर्तमान शिक्षा सत्र में उसी स्कूल में जारी रहे जहां वे पढ़ रहे हैं, चाहे स्कूल सरकारी हों या निजी। शीर्ष अदालत ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए 07 जून को अपने आदेश में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा था कि वे सुनिश्चित करें कि ऐसे बच्चों की पढ़ाई में निजी और सरकारी स्कूलों -दोनों में कोई रुकावट न आए। न्यायालय ने न्याय मित्र के रूप में मदद कर रहे अधिवक्ता गौरव अग्रवाल द्वारा ऐसे बच्चों की शिक्षा के बारे में चिंता उठाए जाने पर निर्देश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पिछले साल मार्च से कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई कम से कम मौजूदा शिक्षण सत्र में उसी स्कूल में जारी रहनी चाहिए, जहां वे पढ़ रहे हैं।