नई दिल्ली। टीएलआई
केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षामंत्री के विवेकाधीन एडमिशन कोटे को खत्म कर दिया गया है। इस निर्णय के बाद इस शैक्षणिक सत्र से अब शिक्षा मंत्री के कोटे से केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन नहीं हो सकेंगे।
सूत्रों के अनुसार बड़ी संख्या में एडमिशन के आवेदनों को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने यह निर्णय लिया है क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में आए आवेदनों को स्वीकार करना संभव नहीं हो रहा था। कोटे के खत्म होने से नियमित एडमिशन प्रक्रिया में जरूरतमंद उम्मीदवारों के लिए ज्यादा सीटें उपलब्ध करेंगी। केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों को भी 10 सीट का एडमिशन कोटा मिलता है, वह जारी रहेगा। लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसद पूर्व की भांति प्रतिवर्ष 10 एडमिशन करा सकेंगे। इससे पूर्व यूपीए-2 सरकार में जब कपिल सिब्बल मानव संसाधन विकास मंत्री बने थे तो उन्होंने भी अपना एवं सांसदों का कोटा रद्द कर दिया था। लेकिन सांसदों के भारी विरोध के कारण सांसदों का कोटा फिर से बहाल कर दिया गया। लेकिन, मंत्री कोटा बहाल नहीं किया गया। बाद में सिब्बल जब मंत्रालय से हटे तो यह कोटा फिर से बहाल हो गया था। मंत्री कोटे के तहत प्रतिवर्ष करीब एक-डेढ़ हजार एडमिशन कराए जाते थे। चूंकि यह विवेकाधीन कोटा है, इसलिए इस कोटे के तहत एडमिशन के लिए कोई मानक नहीं हैं। सिर्फ मंत्री की स्वीकृति की जरूरत होती है। सूत्रों के अनुसार, इस साल केंद्रीय विद्यालयों में मंत्री कोटे से एडमिशन की सूची जारी नहीं हुई थी। पूर्व मंत्री के कार्यकाल में इसके लिए सूची तैयार हो गई थी। लेकिन मंजूरी से पहले मंत्री बदल गए और उस सूची को रोक दिया गया। अब यह कोटा ही खत्म कर दिया गया है।